जयपुर: आरएसएस की अखिल भारतीय संयोजन बैठक में ‘प्रेम जिहाद और धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामलों’ को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। संगठन के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील अम्बेकर ने जोधपुर में पत्रकारों को बताया कि तीन दिवसीय बैठक रविवार को समाप्त हो गई है। अम्बेकर ने कहा कि जबरन, लालच या धोखाधड़ी के माध्यम से किए गए परिवर्तन अस्वीकार्य हैं। ‘ऐसे प्रथाओं से समाज में अस्थिरता पैदा हो सकती है। यह मुद्दा केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा भी है।’ उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि समाज के सभी लोग इस चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है, क्योंकि धर्म परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई केवल हिंदू धर्म की रक्षा के बारे में नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा के बारे में भी है। अम्बेकर के बयानों के समय राजस्थान सरकार एक और कठोर संस्करण के लिए तैयार है, जिसमें राजस्थान अवैध धर्म परिवर्तन प्रतिबंध बिल, 2025 को विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। भजनलाल शर्मा कैबिनेट ने पहले ही बिल पर महत्वपूर्ण संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी है, जिससे प्रस्तावित कानून को काफी कठोर बनाया गया है। इस प्रस्तावित विधायी प्रावधान के तहत, जबरन धर्म परिवर्तन में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 7 से 14 वर्ष की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बिल के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति केवल परिवर्तन के उद्देश्य से किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति से विवाह करता है, तो ऐसा विवाह अवैध माना जाएगा (ab initio void)।

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