पेट से जुड़ी समस्याएं अधिकांश मामलों में मामूली समझी जाती है. क्योंकि खानपान में थोड़ी सी भी गड़बड़ी पाचन संबंधित बीमारियां जैसे गैस, कब्ज, दस्त, ब्लोटिंग का सबब बन जाती है. जंक और फास्ट फूड्स के इस युग में पेट की समस्याएं आजकल आम होती जा रही हैं, लेकिन कुछ पेट की बीमारियां इतनी गंभीर होती हैं कि समय पर इलाज न मिलने पर सर्जरी तक की नौबत आ जाती है.
ऐसी ही एक बीमारी है इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (IBD).यह एक प्रकार की पाचन तंत्र की क्रॉनिक बीमारी है, जिसमें मुख्य रूप से बड़ी आंत में सूजन आ जाती है. IBD मुख्य रूप से क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस दो प्रकार की होती है. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन युवाओं और वयस्कों में अधिक देखी जाती है. इसके लक्षण कई बार आम पेट दर्द या दस्त जैसे लगते हैं, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है
आंत में सूजन के गंभीर लक्षण
– पेट में बार-बार दर्द या मरोड़- लगातार दस्त (कभी-कभी खून के साथ)- वजन कम होना- थकावट और कमजोरी- भूख न लगना- बुखार- मलत्याग की आदतों में बदलाव
IBD किन कारणों से होता है
यह बीमारी आमतौर ऑटोइम्यून डिजीज के कारण हो सकती है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से आंतों पर हमला करने लगती है. इसके साथ ही अगर परिवार में किसी को IBD है तो इसकी संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा संक्रमण, धूम्रपान, अधिक जंक फूड, तनाव आदि IBD को बढ़ावा दे सकते हैं. ये समस्या बैक्टीरिया या वायरस इंफेक्शन के कारण भी हो सकती है.
इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज
IBD का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवाएं, एंटीबायोटिक्स और पेन रिलीवर और कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं.
बचाव के उपाय
आंतों को हेल्दी रखने के लिए संतुलित और स्वस्थ आहार लें, अधिक पानी पिएं, धूम्रपान और शराब से बचें, तनाव को कम करें, नियमित व्यायाम करें और समय-समय पर रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाते रहें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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