अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी खबर है. विश्वविद्यालय ने प्री-पीएचडी कोर्स वर्क और स्नातक कार्यक्रम के पाठ्यक्रम के पुनर्गठन और संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नए पीएचडी अध्यादेश और स्नातक अध्यादेश की हालिया मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक ढांचे को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

डीन अकादमिक प्रो. गीतांजलि मिश्रा ने लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को एक पत्र भेजकर यह प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें संशोधन प्रक्रिया शुरू करने के लिए रजिस्ट्रार से सभी विभागाध्यक्षों, निदेशकों और समन्वयकों के साथ संवाद स्थापित करने को कहा गया है. उन्हें नए स्वीकृत अध्यादेशों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने में मार्गदर्शन के रूप में उपयोग करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि संशोधनों पर विचार-विमर्श किया जाए. साथ ही 31 मार्च, 2024 तक अध्ययन बोर्ड और संकाय बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया जाए. इसके अलावा एक-वर्षीय पीजी अध्यादेश और दो-वर्षीय पीजी अध्यादेश पर विचार करने के महत्व पर जोर दिया गया है.

क्या है प्री पीएचडी कोर्स वर्कलखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्री पीएचडी कोर्स वर्क में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसमें मौजूदा पाठ्यक्रम 2 कोर्स और 8 क्रेडिट से 3 कोर्स और 12 क्रेडिट में बदलेगा. तीन पेपरों में दो अनिवार्य और एक वैकल्पिक पेपर (पेपर III) शामिल होंगे. पेपर I में शोध और प्रकाशन नैतिकता (2 क्रेडिट्स) प्रकाशन नैतिकता और शोध अनैतिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए होगा. पेपर II में शोध पद्धति (5 क्रेडिट्स) विभिन्न क्षेत्रों को कवर करेगा जैसे कि सांख्यिकी और गुणात्मक विधियां, कंप्यूटर एप्लीकेशन, शोध नैतिकता और प्रकाशित शोध की समीक्षा, प्रशिक्षण, क्षेत्र कार्य, पेपर III में विशिष्ट शाखा में नवाचारी शोध दृष्टिकोणों (5 क्रेडिट्स) पर ध्यान दिया जाएगा. अंडरग्रेजुएट ऑर्डिनेंस ने प्रति सेमेस्टर क्रेडिट्स को 24 से 20 क्रेडिट्स में कम किया है, जो यूजीसी नियमों के साथ है. स्नातक अध्यादेश ने यूजीसी नियमों के अनुरूप प्रति सेमेस्टर क्रेडिट को 24 से घटाकर 20 क्रेडिट कर दिया.
.Tags: Education news, Local18, Lucknow news, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : February 28, 2024, 22:56 IST



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