निखिल त्यागी/सहारनपुर.सहारनपुर जनपद का वुड कार्विंग उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रशंसा प्राप्त करता है, और यहां से उत्पन्न होने वाले वुड कार्विंग उत्पाद विश्वभर में निर्यात के रूप में भेजे जाते हैं. इस कारण, यहां के जनपद में वुड कार्विंग उत्पादों से करीब 1500 करोड़ रुपये का व्यापार होता है, और इनका अधिकांश विदेशों में निर्यात किया जाता है.

हालांकि यूक्रेन-रूस युद्ध के परिणामस्वरूप अमेरिका और यूरोपीय देशों में महंगाई की बढ़त ने काष्ठ हस्तशिल्प उत्पादों के व्यापार को प्रभावित किया है. वर्तमान में कई देशों से लकड़ी के उत्पादों के निर्यात में भारी कमी आई है. वुड कार्विंग उत्पादों का अधिकांश निर्यात प्रमुख रूप से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में होता है. इसके अलावा, यूरोपीय देशों और मध्य पूर्व के देशों में भी इस जनपद से लकड़ी के उत्पादों की निर्यात की जाती है.

पश्चिमी देश महंगाई की चपेट में आएनिर्यातक परविन्दर सिंह, जो महानगर से हैं, ने बताया कि रूस और यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप पश्चिमी देशों में महंगाई की वृद्धि हुई है. इससे पश्चिमी देशों में होने वाले लकड़ी उत्पादों के निर्यात में भारी कमी आई है. उन्होंने यह भी बताया कि वुड कार्विंग उत्पादों की मांग कम होने के कारण निर्यात आदेश भी कम हो रहे हैं, क्योंकि ये उत्पाद मानवता की आवश्यकताओं में शामिल नहीं होते. वे सरकार से इस क्षेत्र को बचाने के लिए निर्यातकों का सहयोग करने की अपील करते हैं. दूसरे निर्यातक सोम गोयल ने बताया कि लकड़ी उद्योग में मंदी का असर अन्य व्यापारों पर भी पड़ रहा है.

बंदी के मुहाने पर खड़ा है उद्योगहैंडीक्राफ्ट आर्टिजन एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव और निर्यातक आरिफ खान ने बताया कि लकड़ी उत्पादों के निर्यात आर्डर में कमी के कारण कई वुड कार्विंग उद्योग बंदी की कगार पर खड़े हैं. इससे कई उद्यमियों ने अपने कारीगरों और मजदूरों की संख्या में कटौती कर दी है. इसका निर्यातकों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से यह भी अपील की है कि निर्यातकों को दिए गए कर्ज के ब्याज दर को कम करने और डूबते हुए वुड कार्विंग उद्योग को बचाने में मदद की जाए.
.Tags: Latest hindi news, Local18, Saharanpur news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2023, 23:22 IST



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