लिवर सिरोसिस का जोखिम तब बढ़ता है, जब आप फैटी लिवर को नजरअंदाज करते हैं. यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं बल्कि सिरोसिस का ही शुरुआती संकेत होता है. इस स्टेज पर आप लिवर को बहुत आसानी से सिर्फ खानपान में बदलाव और फिजिकल एक्टिविटी की मदद से ठीक कर सकते हैं.
लेकिन जब लिवर डिजीज गंभीर रूप ले लेती है और सिरोसिस में बदलने लगती है, तो इसे रिकवरी में काफी टाइम लगता है. कई बार काई इलाज के बावजूद भी इसे ठीक नहीं किया जा पाता है. ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र रास्ता बचता है, जो कि काफी महंगा होता है. ऐसे में बचाव के लिए सिरोसिस के लक्षणों को समझना और समय पर सही उपचार लेना जरूरी है.
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लिवर सिरोसिस क्या होता है
लिवर सिरोसिस एक क्रॉनिक बीमारी है, जो धीरे-धीरे शुरू होती है. इसमें लिवर पर घाव बनने लगते है. लिवर के सभी हेल्दी टिश्यू डैमेज टिश्यू से डैमेज होने लगते हैं. यह लिवर डिजीज का लास्ट स्टेज होता है. जब लिवर पूरी तरह से फंक्शन करना बंद कर देता है, तो इसे डीकंपेंसेटेड सिरोसिस कहा जाता है. जिसके लक्षण बहुत गंभीर रूप में दिखाई देने लगते हैं.
लिवर सिरोसिस के लास्ट स्टेज के संकेत
त्वचा और आंखों का पीला पड़नागहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग का मलत्वचा या पलकों पर वसा के छोटे-छोटे पीले धब्बे जमा हो जानाहाथ, पैर, टांगों या चेहरे में सूजन एडिमा पेट का फूलना
लिवर सिरोसिस का इलाज
लिवर सिरोसिस का इलाज इसके कारण, स्टेज और शरीर के रिस्पांस पर निर्भर करता है. डॉक्टर इसके लक्षणों को दवा और डाइट की मदद से कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि सिरोसिस रिवर्सिबल नहीं होते हैं. गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प होता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.