सिंहासन एक प्रभावी और सरल आसन है. सेहत के लिए बेहद फायदेमंद यह आसन न केवल चेहरे और गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि आत्मविश्वास और तनावमुक्ति में भी मदद करता है.
थायराइड हो सकता है कंट्रोलसिंहासन चेहरे, गले और थायराइड ग्रंथि के लिए विशेष रूप से लाभकारी है. यह गले की मांसपेशियों को सक्रिय करके थायराइड और पैराथायराइड ग्रंथियों के काम को संतुलित करता है, जो हार्मोनल के लिए महत्वपूर्ण हैं. यह आसन चेहरे की झुर्रियों को कम करने, जबड़े की जकड़न को दूर करने और आवाज को स्पष्ट करने में भी मदद करता है. गायकों, शिक्षकों और वक्ताओं के लिए यह विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह गले की समस्याओं जैसे टॉन्सिलाइटिस और खराश को कम करता है.
आत्मविश्वास बढ़ाने में मददगारसिंहासन की प्रक्रिया में नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है. यह आत्मविश्वास बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता प्रदान करने में भी मदद करता है. इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है.
कैसे करें सिंहासनविशेषज्ञ सिंहासन करने की सही विधि बताते हैं, जिसके अनुसार शांत स्थान पर योग मैट बिछाकर वज्रासन या सुखासन की मुद्रा में बैठना चाहिए. इसके बाद घुटनों पर बैठें, हथेलियों को घुटनों के सामने जमीन पर रखकर उंगलियों को पीछे की ओर रखना चाहिए. गहरी सांस लेने के साथ जीभ को पूरी तरह बाहर निकालकर आंखों को ऊपर की ओर करना चाहिए.यही नहीं, सिंहासन के दौरान चेहरे को सिंह की तरह बनाकर आंखें खुली रखनी चाहिए और गले से गर्जना सी आवाज निकालनी चाहिए. इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराने के साथ प्रत्येक को 10-15 सेकंड तक बनाए रखना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यानविशेषज्ञ बताते हैं कि सिंहासन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है बल्कि मन और आत्मा को भी सशक्त बनाता है. इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. इसे करने में कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए. गले या घुटने में दर्द होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को भी विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही करना चाहिए.
इनपुट-आईएएनएस