Uttar Pradesh

Lemon Cultivation: बारिश में नींबू काले होकर गिर रहे हैं? तुरंत अपनाएं ये 3 उपाय, जो बचाएंगे लाखों का नुकसान!

Last Updated:August 13, 2025, 20:45 ISTLemon Farming Tips: सहारनपुर में नींबू की खेती बढ़ी है, लेकिन बरसात में फफूंदी की समस्या से फसल खराब हो रही है. डॉ. आई.के. कुशवाहा ने 2 ग्राम दवाई के छिड़काव से फसल बचाने के उपाय बताए हैं.Lemon Farming: सहारनपुर में किसान विभिन्न तरह की खेती करते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां नींबू की खेती का रकबा भी तेजी से बढ़ा है. लेकिन बरसात का मौसम शुरू होते ही किसानों के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है. नींबू की फसल में नींबू काला होकर टूटकर गिरने लगी है, जिससे किसानों की मेहनत पर संकट मंडरा रहा है. इससे न केवल फसल प्रभावित हो रही है, बल्कि किसानों को पूरी फसल खराब होने का डर भी सताने लगा है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ प्रभावशाली रासायनिक उपाय, जिनसे केवल 2 ग्राम दवाई का छिड़काव करके नींबू की बर्बाद हो रही फसल को बचाया जा सकता है.

नींबू में बरसात के मौसम में फफूंदी की समस्यानींबू की इस समस्या को फफूंदी कहा जाता है, जो एक पौधे से दूसरे पौधे में तेजी से फैलती है. शुरू में यह केवल फलों को प्रभावित करती है, लेकिन समय के साथ पूरे पौधे को नुकसान पहुंचाकर खत्म कर देती है. बरसात के मौसम में नमी बढ़ने के कारण यह बीमारी तेजी से फैलती है और फल जमीन पर गिरने लगते हैं. इससे नींबू की क्वालिटी भी गिरती है और बाजार में सही दाम नहीं मिल पाता.

केवल 2 ग्राम दवाई से बचाएं फसल
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि नींबू की फसल में इस समस्या से निपटने के लिए सही समय पर छिड़काव बेहद जरूरी है. सबसे पहले किसान भाई अगर खेत में यह बीमारी (जिसे ब्रोन रॉट कहते हैं) आ चुकी है, तो रोग ग्रसित फल और पौधों को खेत से बाहर निकालकर नष्ट कर दें. खेत को हमेशा साफ-सुथरा रखें.

फफूंदी नियंत्रित करने के लिए कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का उपयोग करें, जो एक प्रभावशाली फफूंदी नाशक रसायन है. इसका छिड़काव 7 दिन के अंतराल पर नींबू की फसल पर करें. इसके लिए 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का अनुपात सही है. इसके अलावा कार्बेन्डाजिम और मैंकोजेब का मिश्रण भी 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.

मार्केट में उपलब्ध रिड्यूमिल दवाई
अगर बीमारी ज्यादा मात्रा में फैल रही है, तो बाजार में उपलब्ध रिड्यूमिल दवाई का उपयोग करें, जिसमें मेटालेक्जिल 4% और मेंकोजेब 64% का कंपोजीशन होता है. इसका छिड़काव भी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से करें, जिससे नींबू में फफूंदी की समस्या तुरंत रुक जाती है.
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डॉ. कुशवाहा का कहना है कि समय पर यह उपचार करने से किसानों की मेहनत बेकार नहीं जाती और फसल सुरक्षित रहती है. बरसात के मौसम में नींबू की फसल को फफूंदी से बचाने के लिए यह उपाय बेहद कारगर साबित हो रहे हैं और किसानों के लिए राहत लेकर आए हैं.Location :Saharanpur,Uttar PradeshFirst Published :August 13, 2025, 20:45 ISThomeagricultureबारिश में नींबू काले होकर गिर रहे हैं? तुरंत अपनाएं ये 3 जादुई उपाय!

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