Mohammad Azharuddin HCA: भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं. जस्टिस (रिटायर्ड) वी ईश्वरैया ने HCA की सदस्य इकाइयों में से एक लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अजहरुद्दीन ने मनमाने फैसले लेकर तत्कालीन HCA अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया. जस्टिस ईश्वरैया HCA के आचरण अधिकारी भी हैं.
अजहरुद्दीन पर लगाया गया ये आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेलने वाले अजहर ने दिसंबर 2019 में उत्तरी स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखने के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए पूर्व HCA अध्यक्ष के रूप में शीर्ष परिषद की बैठक में बैठकर नियमों का उल्लंघन किया. HCA संविधान के अनुसार किसी प्रस्ताव को आम सभा (AGM) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है. अजहरुद्दीन ने पीटीआई से कहा, ‘मैं निश्चित रूप से कानूनी सहारा लूंगा और इस आदेश पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अपील करूंगा. यह शर्म की बात है कि एक भारतीय कप्तान का नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है.’
आदेश पर खड़े किए सवाल
पूर्व भारतीय कप्तान ने लोकपाल के आदेश की वैधता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है. अजहर ने कहा, ‘संघ के उपनियमों के अनुसार, लोकपाल/आचरण अधिकारी का कार्यकाल एक साल का होता है. इस मामले में लोकपाल का कार्यकाल 18 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया था और उस अवधि के बाद पारित कोई भी आदेश अमान्य है.’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिला है जो केवल AGM के दौरान दिया जा सकता है जो नहीं हुआ है. तो फिर उन्होंने आदेश कैसे पारित किया.’
निशाना बनाया जा रहा – अजहर
इस 62 साल के पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि कुछ HCA अधिकारी उनके अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त नहीं हो सके. अजहर को सितंबर 2019 में HCA अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल सितंबर 2023 में समाप्त हो गया था. उनके विवादास्पद कार्यकाल के दौरान उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2023 में संघ के मामलों का प्रबंधन करने के लिए जस्टिस एल नागेश्वर राव की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की थी. विपक्षी गुट ने आरोप लगाया कि अजहरुद्दीन से जुड़े लोग आयु वर्ग की टीमों में चयन घोटाले में शामिल थे. इस आरोप का 15000 से अधिक रन बनाने वाले इस पूर्व क्रिकेटर ने खंडन किया.
‘बदमाश मुझ पर उंगली उठा रहे’
अजहर ने कहा, ‘ऐसे बदमाश जिन्होंने कभी हाथ में बल्ला नहीं पकड़ा, मुझ पर उंगली उठा रहे हैं. अगर वे स्टैंड से मेरा नाम हटाना चाहते हैं, जिस व्यक्ति ने भारत के लिए 433 मैच खेले हैं, तो आप शिवलाल यादव (पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर) का नाम भी हटा सकते हैं. उनका नाम भी तब दिया गया जब वे खुद HCA के अध्यक्ष थे.’ उन्होंने कहा, ‘आप आबिद अली, टाइगर पटौदी और एमएल जयसिम्हा के नाम हटा दें. यह एक ऐसा संघ है जो खिलाड़ियों का सम्मान नहीं करता और लोकपाल किसकी याचिका पर कार्रवाई कर रहा है? उस क्लब (लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब) की जिसमें कोई पारदर्शिता नहीं है कि इसका असली मालिक कौन है और इसे कौन चलाता है.’
एक अन्य आरोप उत्तरी स्टैंड से वीवीएस लक्ष्मण का नाम हटाकर उस पर अपना नाम लिख देने का था. अजहर ने स्पष्ट किया, ‘क्या मैं मूर्ख हूं कि लक्ष्मण जैसे दिग्गज का नाम स्टैंड से हटा दूं जो हमारे क्षेत्र से 100 से अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं? उत्तरी स्टैंड में पवेलियन का नाम लक्ष्मण के नाम पर है और यह अभी भी वहां है, आप जांच कर सकते हैं.’ जब HCA के एक अधिकारी से पूछा गया कि अजहरुद्दीन और शिवलाल के लिए अलग-अलग नियम क्यों हैं तो उन्होंने जवाब दिया, ‘शिव के मामले में उन्होंने इस स्टेडियम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्होंने HCA की आम सभा से उचित मंजूरी के बाद स्टैंड पर अपना नाम लिखवाया था.’ उन्होंने कहा, ‘अजहर के मामले में, उन्होंने कभी आम सभा से संपर्क नहीं किया क्योंकि उन्हें पता था कि उनके पास इसे मंजूरी दिलाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है.’
With Delhi under ‘severe’ air quality, Beijing offers its pollution-control playbook
Delhi, which has battled toxic air since Diwali, banned the entry of non-BS VI vehicles only earlier this…

