लड्डू गोपाल की सेवा में हो रही है गलती? जानिए 10 नियम जो बदल देंगे आपकी किस्मत
हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता के पूजा-पाठ के अपने अलग नियम बताए गए हैं। हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना करता है। खासतौर पर लड्डू गोपाल जी की पूजा में कुछ नियमों का पालन करने से माना जाता है कि घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
लड्डू गोपाल जी को स्नान कराने के लिए पंचामृत सबसे उत्तम माना जाता है। पंचामृत तैयार करने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी को शंख में डालकर उपयोग करें। स्नान कराने के बाद लड्डू गोपाल जी को साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं। लड्डू गोपाल जी के वस्त्र रोजाना बदलने चाहिए। वस्त्र पहनाने के बाद उनके हाथ में बांसुरी दें और सिर पर मोर पंख धारण कराएं, क्योंकि इन्हीं के साथ भगवान कृष्ण का शृंगार पूर्ण माना जाता है।
लड्डू गोपाल की सेवा बच्चे की तरह की जाती है। समय-समय पर प्रसादी और भोग अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से विशेष मेवा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। लड्डू गोपाल को दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम भोग अर्पित किया जाता है। भोग देते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए और भोग के साथ तुलसी के पत्ते भी अर्पित करना अनिवार्य माना जाता है।
लड्डू गोपाल के लिए नई और सुंदर पोशाक चुनें। साल के हर महीने हरे और पीले रंग के वस्त्र पहनाना शुभ माना जाता है। आप बाजार से रेडीमेड पोशाक ले सकती हैं या खुद तैयार कर सकती हैं। फूलों-पत्तियों वाले डिजाइन खास तौर पर बेहद सुंदर लगते हैं। आप सिंपल पोशाक पर गोटा, लेस, मोती-सितारे और मोरपंख लगाकर उसे और भी सुंदर बना सकती हैं।
लड्डू गोपाल की सेवा नियमों के अनुसार होती है और यह एक छोटे बच्चे की तरह की जाती है। समय-समय पर उनकी देखभाल और उठाना भी आवश्यक होता है। अगर आपके घर में भी नन्हें ठाकुर जी की प्रतिमा विराजमान है, तो हर महीने उन्हें विशेष रूप से तैयार करें। मान्यता है कि लड्डू गोपाल का शृंगार करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।