Last Updated:August 02, 2025, 13:04 ISTLakhimpur News : शारदा नदी पर बने बांध में दरारें आने से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के बिजुआ इलाके का बझेड़ा गांव खतरे में है. पानी का दबाव बढ़ने से ग्रामीणों में डर का माहौल है और बाढ़ की आशंका से लोग प…और पढ़ेंलखीमपुर : लखीमपुर जिले में बिजुआ ब्लॉक के बझेड़ा गांव शारदा नदी के किनारे स्थित है. इस गांव को बाढ़ औ शारदा नदी के कहर से बचाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से एक परियोजना बनाई गई थी. लेकिन शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद यह परियोजना क्षतिग्रस्त हो गई. स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया और बचाव कार्य शुरू कर दिया.
गौरतलब है कि करोड़ों की लागत से बना शारदा बांध कटने की कगार पर पहुंच गया है. बीते दिनों शारदा नदी ने बांध के करीब 20-25 मीटर हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया. इससे बांध में दरार पड़ गई है और लगभग 4-5 मीटर का हिस्सा नदी में समा गया है. शेष दरारें भी किसी भी समय नदी में समा सकती हैं. लेकिन इस कटान को रोकने में विभाग के सामने एक बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. सिंचाई विभाग नदी की तीव्र धारा को पुनः शारदा नदी की तरफ मोड़ने का प्रयास कर रहा है.
6 करोड़ की लागत से हुआ था तैयार
विभाग बांस के कैरेट और पेड़ों को डालकर बझेड़ा को बचाने में जुटा है. करोड़ों रुपए की परियोजना क्षतिग्रस्त हो जाने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. स्थानीय लोगों ने बताया कि लगातार बचाव कार्य किया जा रहा है, लेकिन शारदा नदी परियोजना को नुकसान पहुंचा रही है. इस परियोजना को कटाव निरोधक परियोजना कहा जाता है.यह परियोजना करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई थी.
क्या है ग्रामीणों का आरोप?इस परियोजना की कुल लंबाई करीब 700 मीटर है.परियोजना का निरीक्षण करने के लिए स्वयं जल शक्ति मंत्री गांव पहुंचे थे और ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि कोई दिक्कत नहीं होगी. बझेड़ा गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि जो परियोजना क्षतिग्रस्त हुई है उसे सही किया जा रहा है, लेकिन बालू की जगह मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है जिससे खतरा और बढ़ सकता है. परियोजना के समीप की मिट्टी निकालकर बोरियों में भरी जा रही है.Location :Lakhimpur,Kheri,Uttar PradeshFirst Published :August 02, 2025, 13:04 ISThomeuttar-pradeshशारदा नदी के बांध में आई दरारें… क्या डूब जाएगा बिजुआ का बझेड़ा गांव?