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Last Updated:July 16, 2025, 00:32 ISTKajari Teej 2025 : इस दिन चंद्र देव को अर्घ देने के बाद भगवान शंकर और माता पार्वती के निमित्त व्रत रखा जाता है.अयोध्या. सनातन धर्म में हर पर्व हर त्यौहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है.वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को प्रतिवर्ष कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है. इस शुभ अवसर पर भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा आराधना का विधान है धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही संतान सुख की भी प्राप्ति होती है तो चलिए ऐसी स्थिति में जानते हैं कब है कजरी तीज क्या है शुभम मुहूर्त. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 11 अगस्त को सुबह 10:33 से शुरू होकर 12 अगस्त को सुबह 8:40 पर समाप्त होगा ऐसी स्थिति में उदया तिथि के अनुसार 12 अगस्त को कजरी तीज का व्रत रखा जाएगा इस दिन चंद्र देव को अर्ग देने के बाद भगवान शंकर और माता पार्वती के निमित्त व्रत रखा जाता है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार कजरी तीज के दिन कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं व्रत करती हैं इस व्रत की शुरुआत माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पानी के लिए किया था तभी से यह व्रत सुहागिन महिलाएं करती हैं साथ ही अच्छा भर पानी के लिए कुंवारी लड़कियां भी व्रत करती हैं इस व्रत को करने से पति को लंबी दीर्घायु प्राप्त होती है साथ ही मनचाहा वर मिलता है

कजरी तीज के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए साफ वस्त्र धारण करना चाहिए  उसके बाद एक सांप चौकी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए फिर विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए पूजा में माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करती हैं और भगवान शिव को बेलपत्र, दूध, गंगाजल आदि अर्पित करना चाहिए शाम को चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य  देकर व्रत का पालन करना चाहिए
Location :Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradeshhomedharmमिलेगा हैंडसम, गठिला और प्यार लुटाने वाला शहजादा, नोट करें डेट और मुहूर्त

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