Last Updated:May 30, 2025, 21:31 ISTदेवबंदी उलेमा मौलाना क़ारी इसहाक गोरा के अनुसार, विग पहनकर नमाज़ पढ़ना शरीयत के खिलाफ है. इससे वुज़ू और ग़ुस्ल सही नहीं होते. नकली बालों से पानी सिर तक नहीं पहुंचता, जिससे नमाज़ अधूरी मानी जाती है. हालांकि, हेय…और पढ़ेंX
नकली बाल लगाकर नमाज को क्यों बताया गया अधूरीहाइलाइट्सविग पहनकर नमाज़ पढ़ना शरीयत के खिलाफ बताया गया.क़ारी इसहाक गोरा ने दारुल उलूम देवबंद के फ़तवे का हवाला दिया.विग से नमाज़ “अधूरी” मानी जाती है.सहारनपुर: रोज़ाना की ज़िंदगी में लोग जिस तरह बदलते दौर के साथ चलने की कोशिश कर रहे हैं, वैसे- वैसे कुछ चीज़ें ऐसी भी सामने आ रही हैं जो शरीयत और इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं से टकरा रही हैं. इन्हीं में से एक है नकली बाल यानी विग पहनना और उसे पहनकर नमाज़ अदा करना. यूपी के देवबंद से जुड़े एक प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना क़ारी इसहाक गोरा ने इस पर साफ- साफ बात की है.
मौलाना इसहाक गोरा जमीयत दवातुल मुस्लिमीन के संरक्षक हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर देवबंदी फ़तवे का हवाला देते हुए कहा कि विग लगाकर नमाज़ पढ़ना इस्लामिक शरीयत के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि नकली बालों से जुड़ी बातें आजकल युवाओं में काफी आम हो गई हैं. बाल झड़ने या गंजेपन की वजह से लोग विग पहनते हैं, लेकिन ऐसे में अगर कोई शख्स इस हालत में नमाज़ पढ़ता है तो वह मुकम्मल नहीं मानी जाती.
क्या है इसकी वजह?मौलाना इसहाक बताते हैं कि इस्लाम में नमाज़ से पहले वुज़ू और कभी-कभी ग़ुस्ल करना जरूरी होता है. वुज़ू के दौरान सिर का मसह (गीले हाथों से सिर पर हल्का सा हाथ फेरना) भी फर्ज़ है. लेकिन अगर सिर पर नकली बाल यानी विग लगी हो तो पानी असली त्वचा तक नहीं पहुंचता, जिससे वुज़ू अधूरा रह जाता है. ऐसे में शरीयत के मुताबिक वह नमाज़ भी अधूरी मानी जाती है.
विग और हेयर ट्रांसप्लांट में फर्कउन्होंने आगे ये भी साफ किया कि विग और हेयर ट्रांसप्लांट दोनों अलग-अलग चीजें हैं. दारुल उलूम देवबंद ने भी अपने पुराने फ़तवे में यह कहा था कि अगर कोई व्यक्ति मेडिकल आधार पर या शरीयत के दायरे में रहते हुए हेयर ट्रांसप्लांट कराता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है, बशर्ते कि उसमें धोखा या किसी गैर-इस्लामी तौर-तरीके का इस्तेमाल न किया गया हो.
युवाओं को दी खास सलाहमौलाना गोरा ने इस मौके पर खासतौर पर मुस्लिम नौजवानों को सलाह दी कि वो दिखावे, बनावटीपन और दुनियावी ट्रेंड के पीछे भागने के बजाय इस्लामी सादगी को अपनाएं. उन्होंने कहा कि धर्म को समझना और सही तरीके से उस पर अमल करना आज के दौर में सबसे ज़रूरी है. नमाज़, पाकीज़गी और ईमानदारी इस्लाम की बुनियादी चीजें हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
लोगों में फैली गलतफहमीउन्होंने यह भी कहा कि आजकल बहुत से लोग इस बात को लेकर भ्रम में हैं कि क्या विग पहनना जायज़ है या नहीं. इसी वजह से फतवों की अहमियत और सही जानकारी का प्रसार जरूरी है. उन्होंने अपील की कि मुसलमान इस्लामी विद्वानों से मार्गदर्शन लें और ऐसी चीजों से परहेज करें जो नमाज़ और इबादत को प्रभावित करें.
Location :Saharanpur,Uttar Pradeshhomedharmक्या विग पहनकर पढ़ी जा सकती है नमाज़? देवबंद के फ़तवे ने खोला बड़ा राज, जानिए