आदित्य कृष्ण/अमेठी. एक तरफ प्रभु राम का मंदिर अयोध्या में आकार ले रहा है तो वहीं दूसरी ओर पड़ोसी जिले की रामलीला पर संकट के बदले मडंरा रहे हैं. क्या अमेठी में 114 साल पुरानी रामलीला का मंचन अतिक्रमण के कारण नहीं होगा? नवरात्रि के दूसरे दिन से शुरू होने वाली इस रामलीला के मंचन से जुड़े परिवार परंपरा को बचाए रखने के लिए सरकार गुहार लगा रहे हैं. रामलीला मैदान में अतिक्रमण के कारण इस बार बहुत कम ही उम्मीद है की रामलीला का मंचन हो पाएगा.हालांकि प्रशासन ने यह वादा जरूर किया है कि सभी की आस्था और संस्कृति का पूरा सम्मान होगागौरीगंज जिला मुख्यालय की रामलीला करीब 114 साल पुरानी है. 1909 से लगातार इस रामलीला का आयोजन गौरीगंज जिला मुख्यालय की आम जनमानस के सहयोग किया जाता है. लेकिन इस बार शायद रामलीला की शुरुआत तो दूर सुगबुगाहट तक नहीं हुई . इसका कारण है गौरीगंज जिला मुख्यालय के अमेठी-रायबरेली मार्ग पर रेलवे क्रॉसिंग के बगल स्थित रामलीला मैदान पर अतिक्रमण और गंदगी का अंबार. कई बार शिकायत के बावजूद भी बीते अतिक्रमण नहीं हटाया गया और रामलीला मैदान को रामलीला समिति के नेतृत्व में नहीं सौपा गया.क्या है रामलीला आयोजन समिति का दर्द ?रामलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष ओपी सिंह बताते हैं कि अभी तक रामलीला की शुरुआत नहीं हो पाई है. यह रामलीला नवरात्रि के दूसरे दिन से शुरू होती है. अगर इस बार रामलीला नहीं हुई तो 114 साल पुरानी परंपरा टूट जाएगी. ओपी सिंह ने यह भी बताया कि कई बार इसके लिए जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से शिकायत की गई लेकिन रामलीला मैदान के अतिक्रमण को नहीं हटाया गया. यदि इस बार रामलीला मैदान के अतिक्रमण को नहीं हटाया गया तो हम रामलीला को बंद कर देंगे, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.आस्था और संस्कृति का होगा सम्माननगर पालिका के ईओ अवनीश शुक्ला ने कहा कि यह शिकायत मेरे संज्ञान में नहीं है फिलहाल मैं आयोजन समिति से मिलकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था करता हूं. रामलीला के मंचन को टूटने नहीं दिया जाएगा और सभी के आस्था और संस्कृति का पूरा सम्मान होगा..FIRST PUBLISHED : October 15, 2023, 20:20 IST
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Rajasthan freezes MLA fund accounts amid bribery allegations, launches parallel probes
Former Chief Minister Ashok Gehlot and Leader of the Opposition Tikaram Jully condemned the alleged corruption and demanded…

