Last Updated:December 19, 2025, 07:26 ISTChandni Raat: समाज में चांदनी रात और पूर्णिमा को लेकर जिन्नात व शैतानी ताक़तों के सक्रिय होने की मान्यताएं प्रचलित हैं, जिससे लोगों में डर और वहम फैलता है. इस विषय पर मुस्लिम धर्मगुरु और शाही चीफ मुफ्ती ऑफ उत्तर प्रदेश मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन ने स्पष्ट किया कि इस्लाम में ऐसी किसी मान्यता का कोई आधार नहीं है. यह सब महज अफवाहें हैं, जबकि इस्लाम डर से निजात और मानसिक सुकून का रास्ता दिखाता है.अलीगढ़. समाज में यह आम धारणा है कि चांदनी रात या पूर्णिमा की रात आत्माएं, जिन्नात या शैतानी ताकतें ज्यादा ताकतवर हो जाती हैं. इस तरह की मान्यताओं की वजह से लोगों में डर और वहम पैदा हो जाता है और लोग तरह-तरह की कहानियां व किस्से सुनाने लगते हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सच में चांदनी रात और पूर्णिमा की रात आत्माओं और शैतानी ताकतों को बढ़ावा मिलता है?
इसी सवाल का जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इफराहीम हुसैन से खास बातचीत की. मुस्लिम धर्मगुरु और शाही चीफ मुफ्ती ऑफ उत्तर प्रदेश मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस्लाम में इंसान, जिन्नात और शैतान के अस्तित्व को माना गया है. लेकिन यह मानना गलत है कि वे किसी खास समय, जैसे चांदनी रात या पूर्णिमा की रात में ही ज़्यादा सक्रिय होते हैं.
जिन्नात और शैतान का अस्तित्व हर वक्त रहता है, चाहे दिन हो या रात, अंधेरा हो या उजाला. इस्लाम में ऐसा कोई भी कांसेप्ट नहीं है जो यह साबित करे कि चांदनी रात में ही इनकी गतिविधियां बढ़ जाती हैं. मौलाना ने कहा कि चांदनी रात को लेकर फैला डर महज़ समाज में प्रचलित अफवाहों और गलतफहमियों का नतीजा है. इन्हीं अफवाहों की वजह से आम लोगों के दिलों में खौफ बैठ जाता है.
जबकि, इस्लाम डर और वहम को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि उनसे निजात पाने का रास्ता बताता है. इस्लाम में डर और मानसिक बेचैनी से बचाव के लिए कुरान की आयतों और दुआओं का सहारा लेने की तालीम दी गई है. खास तौर पर सूरह नास, सूरह फलक, आयतुल कुर्सी, सूरह बकरा, सूरह फातिहा और दरूद शरीफ का विर्द करने से दिल को सुकून मिलता है और वहम व डर दूर हो जाता है.
मौलाना ने बताया कि इस्लामी नज़रिए से चांदनी रात में जिन्नात या शैतानी हरकतें बढ़ने की बात सिर्फ एक अफवाह है, जिसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए अगर कभी ऐसा कुछ नज़र आता है या महसूस होता है, तो यह समझना ज़रूरी है कि यह सब वहम है, न कि कोई सच्चाई.About the AuthorRahul Goelराहुल गोयल न्यूज़ 18 हिंदी में हाइपरलोकल (यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश) के लिए काम कर रहे हैं. मीडिया इंडस्ट्री में उन्हें 16 साल से ज्यादा का अनुभव है, जिसमें उनका फोकस हमेशा न्यू मीडिया और उसके त…और पढ़ेंLocation :Aligarh,Uttar PradeshFirst Published :December 19, 2025, 07:26 ISThomeuttar-pradeshक्या चांदनी रात में जिन्नात और शैतानी ताक़तें हो जाती हैं ज़्यादा सक्रिय?

