Last Updated:June 22, 2025, 23:12 ISTVishwa Sanatan Darshan Temple in Kushinagar : चार तल्ले का यह मंदिर दिखने में शिवलिंग के आकार का है, लेकिन यहां सभी धर्मों के देवी-देवताओं को जगह दी गई है. इसके पीछे गहरा राज है.कुशीनगर. हमारा देश वसुधव कुटुंबकम पर चलने वाला है, जहां सर्व धर्म समभाव की बात की जाती है. देश में कई धार्मिक स्थल और आश्रम हैं और हर जगह की अपनी एक विशेषता है. कुशीनगर मुख्यालय से करीब 20 km की दूरी पर स्थित नगर पंचायत रामकोला में अनसुईया आश्रम के नाम से प्रसिद्ध विश्व सनातन दर्शन मंदिर की अपनी एक अलग मान्यता है. इस मंदिर की स्थापना 1980 में श्री भगवाना नंद महाराज ने किया था. बताया जाता है कि यह भूमि भगवाना नंद महाराज के गुरु स्वामी परमानंद परमहंस जी की जन्मभूमि है. ये परमानंद महाराज के गुरु सत्संगी महाराज की तपोस्थली भी है. यही कारण है कि इस मंदिर का निर्माण रामकोला नगर में कराया गया.हर एक तल अनूठा
चार तल्ले का यह मंदिर जो देखने में तो शिव लिंग के आकार का बना हुआ है, लेकिन यहां सभी धर्मों के देवी देवताओं के साथ-साथ कई महापुरुषों की भी मूर्तियां लगी हुई हैं. मंदिर के संस्थापक भगवाना नंद की मान्यता थी कि सभी धर्म सनातन धर्म की ही शाखाएं हैं. इसलिए इस मंदिर में सभी धर्मों का ख्याल रखते हुए सभी धर्मों के महापुरुषों और देवताओं को स्थापित किया गया. मंदिर को पांच मंजिल इमारत के रूप में बनाया गया है, जिसका हर एक तल अनूठा है.
कौन देवता कहां
प्रथम तल सत्संगी महाराज की तपोस्थली मानी जाती है और इसे ज्ञान गुफा कहा जाता. दूसरा तल माता अनसुईया को समर्पित माना जाता है और यहां भगवान ब्रह्मा और विष्णु की भी मूर्ति स्थापित है. तीसरे तल पर आदि गुरु शंकराचार्य, श्रवण कुमार के साथ सभी धर्मों के संतों और महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं. चौथे तल पर भगवान बुद्ध के साथ साथ जैन, ईसाई , यहूदी और तमाम धर्मों के महापुरुषों को स्थापित किया गया है. मंदिर के आखिरी तल को भगवान शिव को समर्पित करते हुए वहां भगवान शंकर की मूर्ति और शिव लिंग की स्थापना है.
यही कारण है कि इस मंदिर में सभी धर्मों के श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है. लोग दूर-दूर से यहां शीश नवाने आते हैं. मंदिर के पुजारी राजेंद्र ब्रह्मचारी बताते हैं कि इस मंदिर में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार और नेपाल से भी श्रद्धालु आते हैं. सनातन विश्व दर्शन मंदिर न सिर्फ कुशीनगर के रामकोला में है, बल्कि इसकी शाखाएं देश के प्रत्यक प्रांत में हैं. इसका मुख्य मंदिर मध्य प्रदेश के चित्रकूट में मंदाग्नि नदी के तट पर है.Location :Kushinagar,Uttar Pradeshhomedharmकुशीनगर के इस मंदिर में यहूदियों के भी देवता, हर फ्लोर के गहरे सीक्रेट