चित्रकूट: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने को लेकर लगातार प्रयासरत है. खासतौर पर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार की गंभीरता अब ज़मीनी स्तर पर नज़र आने लगी है. इसी कड़ी में चित्रकूट जिले के मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में एक बड़ी सुविधा शुरू की गई है, जिसका सीधा लाभ अब क्षेत्र के कुपोषित बच्चों और उनके परिजनों को मिलेगा.
पाठा क्षेत्र के लिए राहत की खबरचित्रकूट जिले का पाठा इलाका, जिसे आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है, वहां के लोगों के लिए यह सुविधा किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है. मानिकपुर सीएचसी में न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर (NRC) की शुरुआत हो चुकी है. यहां गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का इलाज पूरी तरह फ्री किया जाएगा.
अब तक इस इलाके के लोग अपने बच्चों के इलाज के लिए प्रयागराज, कानपुर या लखनऊ जैसे बड़े शहरों में भटकते थे. इलाज के लिए लंबा सफर, खर्चा और अनिश्चितता लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था. लेकिन अब यह सुविधा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध है, जिससे न केवल समय बचेगा बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा.
क्या होता है एनआरसी?एनआरसी यानी न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर, बच्चों में अत्यधिक कुपोषण की स्थिति में इलाज के लिए विशेष केंद्र होता है. मानिकपुर सीएचसी के डॉक्टर पवन कुमार के मुताबिक, यह केंद्र उन बच्चों के लिए है, जिनमें खून की कमी, बहुत कम वजन, कमजोरी या शारीरिक विकास में रुकावट जैसी दिक्कतें हैं.
यहां बच्चों को संपूर्ण पोषण युक्त आहार, जरूरी दवाइयां, मेडिकल निगरानी और जरूरी जांच मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही बच्चों के माता-पिता को भी मुफ्त भोजन और रहने की व्यवस्था दी जाती है, ताकि उन्हें इलाज के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो. डॉक्टर पवन कुमार का कहना है कि यह पहल खासतौर पर उन गरीब, आदिवासी और दूरदराज के इलाकों के लिए बेहद जरूरी थी, जहां आज भी स्वास्थ्य सेवाओं की सीधी पहुंच नहीं है. अब परिजनों को अपने बच्चों के इलाज के लिए न कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी, न ही शहरों के चक्कर लगाने होंगे.
सरकार की इस पहल से जहां बच्चों को बेहतर इलाज मिलेगा, वहीं ग्रामीण इलाकों में कुपोषण से लड़ाई में भी बड़ी मदद मिलेगी.