Uttar Pradesh

कुंडली में चंद्रमा हैं कमजोर? प्रदोष व्रत पर करें इन चीजों का दान! अयोध्या के ज्योतिष ने बताया उपाय



सर्वेश श्रीवास्तव /अयोध्या : सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा अधिक महत्व माना जाता है. वैसे तो साल में प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. कहा जाता है कि जो श्रद्धा भाव से प्रदोष का व्रत रखता है उसे शिव जी की असीम कृपा मिलती है. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल में ही की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार अक्टूबर माह का प्रदोष व्रत पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा जो इस बार 11 अक्टूबर को है.

बुधवार दिन पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाएगा. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अक्टूबर माह का प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर दिन बुधवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत में हमेशा शिवजी की आराधना प्रदोष काल में ही की जाती है. 11 अक्टूबर को शाम 5:37 से 8:25 तक प्रदोष काल रहेगा. इस मुहूर्त में पूजा-पाठ किया जा सकता है.ऐसी स्थिति में अगर आप प्रदोष व्रत के दिन कुछ दान करते हैं तो महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं और सारे बिगड़े काम पूरे होने लगते हैं. प्रदोष व्रत के दिन दान-पुण्य करने का भी महत्व है.

कुंडली में चंद्रमा ग्रह होगा मजबूतप्रदोष व्रत के दिन अगर आप विधि-विधान पूर्वक भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करते हैं तो कई तरह की परेशानियां दूर होती है. इसके साथ ही अगर पूजा के समय दूध और दही अर्पित करने के पश्चात गरीब और असहाय लोगों में इसे दान दिया जाए तो भगवान शंकर और माता पार्वती जल्द प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही इस दिन सफेद चीजों का दान करने से कुंडली में चंद्रमा ग्रह की मजबूत स्थिति भी बनती है

उड़द दाल के दान का महत्व अगर आप अपने कारोबार में वृद्धि करना चाहते हैं तो फिर प्रदोष व्रत के दिन उड़द के दाल का दान करना चाहिए. ऐसा करने से कारोबार के साथ-साथ मन मुताबिक सफलता भी मिलेगी .

सफेद वस्त्रो के दान का महत्वप्रदोष व्रत के दिन सफेद वस्त्र के दान का भी विधान है. इसके साथ ही इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करके गरीब असहाय लोगों का मान सम्मान के साथ सफेद वस्त्र दान करना चाहिए. ऐसा करने से करियर और कारोबार में सफलता मिलेगी .

इस विधि से करें भगवान शिव की आराधनाधार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान पूर्वक भगवान शंकर की पूजा आराधना करने से भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होते हैं. प्रदोष व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान करना चाहिए. प्रदोष काल में पूजा आराधना करनी चाहिए. सुबह के समय शिव मंदिर में जाकर भगवान शंकर का दर्शन करना चाहिए. उन्हें बेलपत्र,अच्छा दीपक गंगाजल और धूप पूजन सामग्री के रूप में अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही शिवलिंग पर जलाभिषेक करके शिव मित्रों का जाप करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं जल्दी भगवान शंकर प्रसन्न होंगे.

(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है)
.Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 20:34 IST



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