हाइलाइट्सफरवरी में जिस क्षण सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय कुंभ संक्रांति होगी.कुंभ संक्रांति माघ माह में है और इसमें स्नान करना पुण्य कमाने वाला होता है.ग्रहों के राजा सूर्य देव फरवरी माह में अपने पुत्र शनि देव के घर में जाने वाले हैं. सूर्य का गोचर शनि की राशि कुंभ में होने वाला है. सूर्य देव जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय संक्रांति होती है. फरवरी में जिस क्षण सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय कुंभ संक्रांति होगी. कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. उसके बाद सूर्य पूजा करके दान देना चाहिए. कुंभ संक्रांति माघ माह में है और इसमें स्नान करना पुण्य कमाने वाला होता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बता रहे हैं कि कुंभ संक्रांति किस दिन है? कुंभ संक्रांति पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है? कुंभ संक्रांति का महापुण्य काल कब से कब तक है?

कुंभ संक्रांति किस दिन है?

पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य देव 13 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 54 मिनट पर शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. उस समय सूर्य की कुंभ संक्रांति का क्षण होगा. इस आधार पर कुंभ संक्रांति का पर्व 13 फरवरी को मनाया जाएगा.

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कुंभ संक्रांति 2024 का महापुण्य काल

13 फरवरी को कुंभ संक्रांति का महापुण्य काल 1 घंटा 51 मिनट का है. महापुण्य काल दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगा और 03 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.

कुंभ संक्रांति 2024 का पुण्य काल का समय?

कुंभ संक्रांति का पुण्य काल 5 घंटे 56 मिनट तक रहेगा. पुण्य काल 13 फरवरी को सुबह 09 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक है.

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कुंभ संक्रांति 2024 स्नान-दान समय

कुंभ संक्रांति के दिन आपको स्नान और दान पुण्य काल के समय करना चाहिए. ऐसे में आप 13 फरवरी को सुबह 09:57 एएम से कुंभ संक्रांति का स्नान और दान कर सकते हैं.

कुंभ संक्रांति का दान

कुंभ संक्रांति का स्नान करने के बाद सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. उस दिन आप गेहूं, गुड़, लाल फूल, लाल वस्त्र, तांबा, तिल आदि का दान कर सकते हैं. दान करने से कुंडली का सूर्य दोष दूर होता है. सूर्य के मजबूत होने से करियर में तरक्की मिलती है, पिता का प्यार और सहयोग प्राप्त होता है. राजनीति करने वालों के लिए बड़े पद की प्राप्ति का योग बनता है.
.Tags: Astrology, Dharma Aastha, Magh Mela, Religion 18FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 09:01 IST



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