Last Updated:May 25, 2025, 16:04 ISTUP News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां पहले तो साठगांठ कर विवादित ज़मीन पर कॉलोनी बसायी गई. जिसके बाद वर्षों पुराने धार्मिक स्थलों के साथ भी छेड़छाड़ की जा रही है. हाइलाइट्सपीलीभीत में कॉलोनी में मजार निर्माण पर विवादहिंदू-मुस्लिम दोनों पक्ष कॉलोनाइजर्स के खिलाफप्रशासनिक हस्तक्षेप से मामले की जांच जारीपीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में एक बार फिर से कॉलोनाइजर्स का खेल देखने को मिला है. आरोप है कि पहले तो साठगांठ कर विवादित जमीन पर कॉलोनी बसाई गई. अब वर्षों पुराने धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ भी की जा रही है. ऐसे में मुस्लिम पक्षों के साथ ही साथ हिन्दू पक्ष भी अब कॉलोनाइजर्स के विरोध में उतर आए हैं. मामले को बढ़ते देख कॉलोनाइजर्स प्रशासनिक अमले की मानमनौवल में जुटे हुए हैं.
दरअसल, पूरा मामला पीलीभीत शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डायमंड सिटी कॉलोनी का है. यह कॉलोनी निर्माण के बाद से ही विवादों का अड्डा बनी हुई है. ए टू जेड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की ओर से विकसित की जा रही कॉलोनी में मजार प्रकरण तूल पकड़ गया. आरोप है कि कॉलोनाइजर ने कॉलोनी में मजार को शिफ्ट करने के लिए नया निर्माण करा दिया. इसके बाद, एक तरफ जहां कॉलोनी में वर्षों पुरानी मजार को दूसरी जगह नए सिरे से बनाने पर हिंदू संगठनों के साथ ही साथ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी जमीन मालिकों का विरोध जताया था. तो वहीं कॉलोनी की जद में आने वाले मंदिर के पुजारी ने भी कॉलोनाइजर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में पुजारी दीप्तिमान मिश्रा ने बताया है कि जिस जगह पर कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है, वहां वह वर्षों से बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर में सेवा करते हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रमुख द्वार के आगे बाउंड्रीवाल कर दी गई है इसके साथ ही साथ मुख्य द्वार पर दो बिजली ट्रांसफॉर्मर भी रख दिए गए हैं. आरोप है 21 मई को जब वे मंदिर में पूजा करने गए तो वहां मौजूद कंपनी कर्मियों द्वारा उनसे मारपीट भी की गई. पुजारी ने अंदेशा जताया है की कॉलोनाइजर्स की ओर से मंदिर को कॉलोनी से हटाने का खतरा है.
पुजारी के साथ जिलाधिकारी से शिकायत करने पहुंचे पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि अगर समय रहते प्रशासन ने मामले में उचित कार्रवाई नहीं की तो अपनी आस्था के संरक्षण के लिए धरने पर विवश होंगे. वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक मामले को पहुंचाया जाएगा.
सरकारी जमीन पर निर्माण की बात आई सामनेबताते हैं कि डायमंड सिटी कॉलोनी बसाने के लिए कॉलोनाइजर्स लंबे समय से प्रशासन से भूमि कन्वर्जन की अनुमति मांग रहे थे. तत्कालीन दो उप-जिलाधिकारियों ने कुछ तथ्यों को आधार बनाते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इधर पदभार ग्रहण करने को समय बाद ही वर्तमान अधिकारी ने कॉलोनी बसाने की अनुमति दे दी है. बताते हैं कि कॉलोनी की जद में कुछ सरकारी जमीन भी आती है.
चर्चा है कि पूरे मामले को संभालने के लिए ए टू जेड इंफ्रा के तमाम लोग अधिकारियों की सिफ़ारिश के साथ ही साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. वहीं पूरे मामले पर जानकारी देते हुए SDM सदर आशुतोष गुप्ता ने बताया कि मामले में जांच जारी है. अगर कोई भी तथ्य सामने आता है तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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