कोलन कैंसर और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम दोनों ही डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई समस्या है. ऐसे में दोनों बीमारी के लक्षण एक जैसे नजर आते हैं. एक तरफ कोलन कैंसर बेहद सीरियस डिजीज है तो वहीं लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाई की मदद से IBS को ठीक किया जा सकता है. कई बार दूसरी बीमारी के लक्षण को समझ बड़ी बीमारी को नजरअंदाज कर दिया जाता है. आइए जानते हैं कोलन कैंसर और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के अंतर.
क्या है इरिटेबल बाउल सिंड्रोमइरिटेबल बाउल सिंड्रोम एक फंक्शनल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है जिसमें डाइजेस्टिव सिस्टम डैमेज नहीं होता है लेकिन पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है. इस कंडीशन में आंतों की मसल्स सही से रिलैक्स नहीं होती है जिस वजह से पाचन से जुड़ी समस्या रहती है.
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण 1 इरिटेबल बाउल सिंड्रोम में मरीज के पेट में बार-बार दर्द या ऐंठन की समस्या होती है.2 इसके अलावा डायरिया या फिर कब्ज दोनों समस्या बार-बार हो सकती है. 3 पेट फूला हुआ महसूस होना. 4 पेट में गैस बनना, 5 मल के साथ म्यूकस का आना.
कोलन कैंसर कोलन कैंसर जिसे बड़ी आंत का कैंसर कहते हैं. कोलन कैंसर के कई स्टेज होते हैं. शुरुआती स्टेज में इलाज की मदद से कोलन कैंसर को ठीक किया जा सकता है. वहीं तीसरे और चौथे स्टेज कैंसर पर इलाज में काफी दिक्कत आती है. आज के समय में चौथे स्टेज का कैंसर भी ठीक हो सकता है.
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से कैसे अलग है कोलन कैंसर के लक्षण इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और कोलन कैंसर दोनों ही पाचन तंत्र से जुड़े हैं ऐसे में दोनों के लक्षण एक जैसे हैं. वहीं कुछ संकेत ऐसे होते हैं जिसकी पहचान कर आप समय पर इलाज करा सकते हैं.
1 लगातार मल त्याग के दौरान खून आना कोलन कैंसर का बड़ा संकेत होता है. 2 हमेशा पेट दर्द होना कोलन कैंसर का संकेत हो सकता है 3 बिना किसी वजह से वजन कम होना भी कोलन कैंसर का लक्षण है4 लगातार थकान और कमजोरी होना भी कोलन कैंसर का लक्षण हो सकता है. 5 सांस का लगातार फूलना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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