पित्ताशय और किडनी हमारे शरीर में दो महत्वपूर्ण अंग हैं जो अपने अलग-अलग कामों के लिए जाने जाते हैं. पित्ताशय पाचन तंत्र का हिस्सा है जो फैट को तोड़ने और भोजन को पचाने के लिए लिवर द्वारा उत्पादित पित्त को संग्रहीत करता है, जबकि किडनी यूरीन सिस्टम का हिस्सा है, जो शरीर से गंदगी और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने में मदद करती है.
पित्ताशय और किडनी दोनों के काम काफी अलग-अलग हैं, लेकिन ये पथरी नामक एक समान समस्या उत्पन्न करते हैं, जिनके लक्षण एक जैसे हो सकते हैं. ये पथरी शरीर में तरल पदार्थों के फ्लो को भी रोक सकते हैं और दर्द का कारण बन सकते हैं. आइए जानते हैं कि पित्ताशय और किडनी की पथरी में क्या अंतर है.पित्ताशय की पथरीपित्त पथरी ठोस कण होते हैं जो पित्ताशय में बनते हैं. ये पथरी पित्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल से बनी होती है जो जमकर पत्थर जैसी हो जाता है. ये आकार में अलग होते हैं और पित्त नलिकाओं में फंस सकते हैं जिससे पित्ताशय में अत्यधिक दर्द और सूजन हो सकती है. पित्ताशय की पथरी पर तब तक ध्यान नहीं दिया जाता जब तक कि वे नलिका में फंसकर समस्या पैदा न कर दें. पित्त पथरी के कुछ लक्षण जिन्हें लोग अन्य बीमारियों से भ्रमित कर सकते हैं वे हैं:
ऊपरी दाएं पेट में दर्द
कंधे के ब्लेड के बीच दर्द
उल्टी और मतली
पेट के बीच में दर्द का बढ़ना
छाती में दर्द
पीलिया
दर्द और ठंड लगना
किडनी की पथरीकिडनी की पथरी किडनी में ठोस संरचनाएं होती हैं, जो मूत्र में मौजूद नमक, कैल्शियम और मिनिरल्स के अधिक जमाव के कारण बनती हैं. ये पथरी गुर्दे में उत्पन्न होती हैं और यूरीन ट्रैक के माध्यम से यूरेटस तक जाती हैं और वहां फंस जाती हैं जिससे अत्यधिक दर्द होता है. अधिक सोडियम, ऑक्सालेट या पशु प्रोटीन डाइट से शरीर में गुर्दे की पथरी का निर्माण हो सकता है. पित्ताशय की पथरी की तुलना में किडनी की पथरी अधिक आम है. इनका पता विभिन्न लक्षणों से लगाया जा सकता है.
पीठ में दर्द
मतली और उल्टी के साथ दर्द
पेशाब करने में कठिनाई होना
पेशाब करते समय जलन होना
पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना
यूरिन करते वक्त दर्द होना
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 



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