Uttar Pradesh

किसानों ने मंडी में धरना दिया, फसल नुकसान का मुआवजा देने और अधिकारियों के खिलाफ वाई की मांग की।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में किसानों ने मंडी में धरना दिया है. उनकी मांग है कि सरकार उन्हें फसल नुकसान का उचित मुआवजा दे. भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन किया है. उन्होंने सरकार से किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने की मांग की है.

भारत देश एक कृषि प्रधान देश है. इस देश में किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. किसान लगातार परेशान है. उन्हें ईश्वरीय मार हर वर्ष झेलनी पड़ती है. साथ-साथ सरकारों की भी प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. विगत दिनों हुई बारिश से जहां मंडी में रखी हुई धान की सैकड़ों टन फसल पानी के बारिश के चलते खराब हो गई. मंडी में कोई भी व्यवस्था किसान की फसल की रखरखाव के लिए नहीं की गई है. यही वजह है कि हर वर्ष किसान की फसल मंडी में पानी में भीग जाती है.

फसल में हुए नुकसान के मुआवजे की सरकार से की गई मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पदाधिकारी ने धरना प्रदर्शन किया है. मंडी समिति में धरने की शुरुआत की गई है. कई सूत्रीय मांगों को लेकर यहां धारण कर रहे किसान यूनियन के पदाधिकारी ने प्रशासन से किसानों की फसल के मुआवजे की मांग की है. वहीं धरने में मौजूद भारतीय किसान यूनियन के गोवर्धन तहसील अध्यक्ष गोरेलाल शास्त्री ने कहा है कि किसानों की समस्या हर बार बढ़ती जा रही है. कोई भी अधिकारी या सरकार सुध नहीं लेती. मंडी में बारिश की कारण खराब हुई धान की फसल का किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए. सरकार और प्रशासन के लोग अगर किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं करेंगे, तो आगे आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा. पूरे देश को किसान अन्न उगा कर देता है. वहीं अन्य उगाने वाला अन्नदाता आज अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाता है. उसे मायूसी के अलावा कोई दूसरा उपाय हाथ नहीं लगता. जो किसान पूरे देश को अनाज देता है.

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