रामपुर के स्वार क्षेत्र के किसान कामिन्दर ने चुकंदर की खेती से मालामाल बन गए हैं । वर्तमान में उन्होंने 2 बीघा में चुकंदर की खेती लगाई है, जिससे 50 क्विंटल उत्पादन की उम्मीद है । यह खेती सिर्फ ढाई महीने में हो जाती है ।
खेती सिर्फ मेहनत नहीं अगर अच्छी समझ और बढ़िया फसल चुनकर की जाए तो खेती से अच्छा कमाई का जरिया कोई दूसरा नहीं है । जिले के स्वार क्षेत्र के किसान कामिन्दर बताते हैं कि उन्होंने 2 बीघा जमीन में चुकंदर के बीज बोए हैं । उन्होंने कहा ढाई माह में यह फसल तैयार हो जाएगी और एक फसल में हमें लगभग 50 क्विंटल पैदावार मिलेगी । अगर भाव सही रहा तो इससे डेढ़ लाख रुपये का सीधा मुनाफा होगा ।
कामिन्दर बताते हैं कि किसान अब कमर्शियल खेती की ओर बढ़ रहे हैं । छोटी-बड़ी कई ऐसी फसलें हैं, जो जल्दी तैयार होती हैं और बाजार में हमेशा मांग में रहती हैं । चुकंदर भी उन्हीं में से एक है । इसलिए हर बार चकुंदर की खेती करके बढ़िया मुनाफा कमा लेते हैं ।
चुकंदर की खेती कैसे होती है ?
किसान के अनुसार चुकंदर की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर या सितंबर की लास्ट में बुवाई करना सबसे अच्छा माना जाता है । हमने बीज बोने से पहले ही खेत की मिट्टी में गोबर का खाद मिलाकर इसे जोतने के बाद मेड़ बना ली । इससे चकुंदर के पौधे में तेजी से विकास होता है ।
चुकंदर को बलुई दोमट मिट्टी में उगाया जाता है और मिट्टी का पीएच 6 से 7 होना चाहिए । सिंचाई की जरूरत बहुत ज्यादा नहीं होती । पहली सिंचाई बीज बोने के बाद और दूसरी निराई-गुड़ाई के 20-25 दिन बाद की जाती है । पत्तियों में धब्बा रोग से बचाने के लिए फफूंद नाशक का छिड़काव किया जाता है ।
चुकंदर की पैदावार जल्दी होती है और बाजार में हमेशा मांग रहती है । यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए कम लागत में बड़ा मुनाफा देने वाली फसल भी है ।