किसान भाई! बिना जमीन के भी शुरू कर सकते हैं ये फायदेमंद बिजनेस! मिलेगा मुनाफा
आजकल रेशम कीट पालन एक ऐसा व्यवसाय बन गया है, जो कम निवेश में ज्यादा मुनाफा दे सकता है. इसमें टू इन वन मशीन से काम आसान हो जाता है और रेशम विभाग फ्री ट्रेनिंग भी प्रदान करता है. इच्छुक व्यक्ति शहतूत के पौधे लगाकर या विभाग के कक्ष में रेशम कीट पालन कर सकते हैं और सालाना तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं.
रेशम कीट पालन में मददगार टू इन वन मशीन
रेशम कीट पालन में सबसे मददगार उपकरण है 35 हजार की टू इन वन मशीन, जो बिजली और सोलर दोनों से चल सकती है. यह मशीन काम को बेहद आसान बनाती है और इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन बड़े आराम से खरीदा जा सकता है. मशीन चलाना भी आसान है और इसकी ट्रेनिंग इच्छुक व्यक्ति रेशम विभाग से नि:शुल्क ले सकते हैं.
रेशम कीट पालन के तरीके
रेशम कीट पालन के लिए दो मुख्य तरीके अपनाए जा सकते हैं. पहला तरीका है अपने घर में शहतूत के पौधे लगाकर रेशम कीट पालन करना, और दूसरा तरीका है विभाग में बने कमरे में रेशम कीट पालन करना. दोनों तरीकों में समय-समय पर विभाग की योजना और डिमांड के अनुसार कार्य किया जाता है.
1 एकड़ में सालाना मोटा मुनाफा
सहायक रेशम विकास विभाग अधिकारी बहराइच अशोक कुमार बताते हैं कि रेशम कीट पालन के लिए इच्छुक व्यक्ति को सबसे पहले रेशम विभाग से पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं और सहायता भी दी जाती है. तीन साल में पौधे तैयार हो जाते हैं और विभाग पालनकर्ता को 10 दिन फीड किए हुए चक्की कीट उपलब्ध कराता है. रेशम बनने के बाद वह पूरी तरह से पालनकर्ता का होता है, जिसे विभाग उचित मूल्य पर खरीद लेता है. यह प्रक्रिया पौधे की 25 साल की लाइफ तक जारी रहती है.
यदि मुनाफे की बात करें तो 1 एकड़ में सालाना 1 से डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है. इस काम के लिए किसी विशेष देखरेख की आवश्यकता नहीं होती.
जमीन न होने पर भी व्यवसाय संभव
सरकार ने रेशम कीट पालन को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई है. इसमें इच्छुक व्यक्ति रेशम विभाग के कक्ष में रहकर रेशम कीट पालन कर सकता है. विभाग इच्छुक व्यक्ति को एक कक्ष प्रदान करता है, जिसमें चाकी कीट दिए जाते हैं और शहतूत की पत्तियों को वही विभाग से तोड़कर कीट को खिलाना होता है. इस प्रक्रिया में बनने वाला रेशम पूरी तरह से पालनकर्ता का होता है. बहराइच जिले में रहने वाले लोग कल्पीपारा स्थित रेशम फार्म भिंगा रोड पर जाकर रेशम कीट पालन से जुड़ी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.

