Dandelion ke Fayde: सिंहपर्णी का इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है. यह एक ऐसा पौधा है, जो ह्यूमन एक्टिविटी के कारण दुनिया भर में व्यापक रूप से फैल गया है. मूल रूप से यह यूरेशिया में उगता है, लेकिन अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी पाया जा सकता है. भारत में, यह खासतौर से हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है. वहीं, इसकी 30 से ज्यादा जातियां हैं.
सिंहपर्णी के गुणसुश्रुत संहिता के अनुसार, सिंहपर्णी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो कब्ज से राहत दिलाने और डाइजेशन सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.
सिंहपर्णी के फायदेआयुर्वेद में इसे लिवर के लिए नेचुरल डिटॉक्सिफायर कहा गया है. इसकी जड़ और पत्तियां डाइजेशन सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद करती हैं. वहीं, इसकी पत्तियों में विटामिन ए, सी, और डी के साथ-साथ पोटैशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स का बेहतरीन स्त्रोत है. इन्हें डाइट में शामिल करने से डायबिटीज को मैनेज करने और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है.
सिंहपर्णी के पत्तों के फायदेअमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ साइंस के मुताबिक, इसके पत्तों के अर्क में ऐसे कंपाउंड प्रॉपर्टी होते हैं जो किडनी को डैमेज होने से बचा सकते हैं. साथ ही शरीर में सूजन को भी रोकने में मदद करते हैं. यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद कर सकता है, जिससे किडनी पर भार कम होता है, जिससे किडनी हेल्दी रहती है.
सिंहपर्णी की चाय भी है फायदेडायबिटीज रोगियों के लिए सिंहपर्णी की चाय फायदेमंद मानी जाती है. यह पैंक्रियास को उत्तेजित करके इंसुलिन के प्रोडक्शन में मदद करती है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है. कैल्शियम और विटामिन के की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाने और हड्डियों से जुड़े इंफेक्शन को दूर रखने में मदद करता है.–आईएएनएस
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