‘खुलासे मैं भी कर सकता हूं लेकिन…’ सूतक काल में कथा करने पर मुरारी बापू ने मांगी माफी, धमकी भी दी – new controversy in morari bapu ramkatha kashi vishwanath temple darshan varanasi seek apology with threat Sadhu saint got furious know sutak rules

admin

authorimg

Last Updated:June 17, 2025, 23:05 ISTMorari Bapu New Controversy : वाराणसी में प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू की कथा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. सूतक काल में मोरारी बापू द्वारा पहले विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन और फिर मानस कथा कहने पर स…और पढ़ेंसूतक काल में काशी विश्वनाथ के दर्शन और कथा करने पर विवाद : मुरारी बापू ने मांगी क्षमा, साथ में दे डाली धमकी हाइलाइट्समुरारी बापू ने सूतक काल में कथा करने पर माफी मांगी.मुरारी बापू ने विवाद करने वालों को धमकी भी दी.संतों ने मुरारी बापू के कार्य को शास्त्र विरुद्ध बताया.उपेंद्र द्विवेदी.वाराणसी. वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन में मुरारी बापू का कथा चल रही है. कथा शुरू होने से पहले मुरारी बापू विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने गए थे जिस पर विवाद खड़ा हुआ. अखिल भारतीय संत समिति से लेकर काशी बुधवार परिषद में इस बात पर आक्रोश जताया कि बापू की पत्नी का स्वर्गवास हुआ और वो सूतक काल में चल रहे हैं. ऐसे में यह सनातन और शास्त्र विरोधी कार्य है. अब मुरारी बापू ने व्यास पीठ से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, मैं छोटा हूं, आप बड़े हैं. बड़ों को क्षमा कर देना चाहिए.’ ⁠मुरारी बापू ने विवाद करने वालों को धमकी भी दी. ⁠उन्होंने कहा कि खुलासे मैं भी कर सकता हूं, मेरे पास भी शास्त्र हैं लेकिन मुझे इसमें जाना नहीं हैं. आप सब मेरे पूज्य हैं. यज्ञ में ज़्यादा लकड़ी डालने से आग ज्यादा लग सकती है. ⁠मैं सबका हूं, सब हमारे हैं.’प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू काशी पहुंचकर विवादों में घिर गए. सूतक काल में मोरारी बापू द्वारा पहले विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन और फिर मानस कथा कहने पर संतों ने नाराजगी जाहिर की. कुछ नौजवानों ने विरोध में पुतला भी फूंका. हालांकि इन विवादों पर खुद मोरारी बापू ने कहा है कि भगवान का भजन करना, कथा करना सुकून है ना कि सूतक. रही बात मंदिर में दर्शन की तो वो तो मैं कर आया. दरअसल, कथा वाचक मोरारी बापू की धर्म पत्नी का करीब तीन दिन पहले देहांत हुआ है. हिंदू धर्म के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की पत्नी का निधन होता है तो उस पर सूतक काल के नियम लागू होते हैं. सूतक काल में आप न तो किसी मंदिर में जा सकते हैं और न देवता को स्पर्श कर सकते. यहां तक कि घर में भी पूजा नहीं होती.

विवाद तब शुरू हुआ जब धर्म नगरी वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेशन सेंटर में शनिवार को मानस कथा कहने के लिए कथा वाचक मोरारी बापू पहुंचे. कथा के लिए पहुंचे मोरारी बापू ने काशी पहुंचकर सबसे पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया. फिर मानस कथा कहने रुद्राक्ष सेंटर पहुंचे. जैसे ही मंदिर में दर्शन पूजन की तस्वीरें सोशल मीडिया में आईं, बहस छिड़ गई. विवाद में संतो और ज्योतिषों के साथ कुछ काशीवासी भी नाराजगी जाहिर करने लगे. मोरारी बापू की रामकथा और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को लेकर विवाद बढ़ने लगा.

काशी के संतों ने मोरारी बापू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. संतों का कहना था कि सूतक काल में मंदिर में दर्शन और रामकथा कहना धर्म और शास्त्र सम्मत नहीं है. ऐसे में मोरारी बापू को सूतक काल की अवधि तक रामकथा बंद कर देना चाहिए. केंद्रीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती का कहना था कि सूतक काल में राम कथा कहना घोर निंदनीय है.

सुमेरु पीठ शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सूतक काल में रामकथा कहना भयानक अनर्थ, शास्त्र विरुद्ध है. मुरारी बापू ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर वहां की धार्मिक सुचिता को भंग किया है, उन्हें इस बात को लेकर प्रायश्चित करना चाहिए.

वहीं इस धार्मिक विवाद पर मोरारी बापू से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम वैष्णव परंपरा से हैं. हम वैष्णव साधु हैं. हम पर यह नियम लागू नहीं होता. हम न क्रिया करते है और ना उत्तर क्रिया करते हैं. भगवान का भजन करने, कथा करने में सुकून है ना कि सूतक.Chaturesh TiwariAn accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M…और पढ़ेंAn accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M… और पढ़ेंLocation :Varanasi,Uttar Pradeshhomeuttar-pradesh’खुलासे कर सकता हूं मगर…’ सूतक काल में कथा करने पर मुरारी बापू ने मांगी माफी

Source link