Uttar Pradesh

खरीफ के सीजन में किसान इस तकनीक से करें खीरे की खेती, कम लागत होगा ज्यादा मुनाफा

Last Updated:August 15, 2025, 19:48 ISTकिसान पंकज ने लोकल 18 से कहा कि  करीब -तीन सालों से सब्जियों की खेती कर रहा हूं जिसमें लौकी टमाटर कद्दू खीरा आदि  फसले है इस समय मेरे पास करीब दो बीघा में खीरा लगा हुआ है जो निकल भी रहा है. यहअच्छे रेट में जा भ…और पढ़ेंकिसान अब पारंपरिक खेती से हटकर नई तकनीकों को अपना रहे हैं. इससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है. सिर्फ पारंपरिक फसलों पर निर्भरता के कारण किसानों को कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसी कारण किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं. इनमें लौकी, कद्दू, खीरा और टमाटर जैसी सब्जियां शामिल हैं. खीरे की खेती किसानों के लिए विशेष रूप से लाभदायक साबित हो सकती है बाजार में खीरे की मांग लगातार बनी रहती है. इस कारण किसान इसकी खेती से लाखों रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं.

जिले के इस किसान ने खीरे की खेती कर उन्हें कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल रहा है. जिसके लिए वह कई सालों से खीरे की खेती कर रहे हैं. बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के रहने वाले किसान पंकज पारंपरिक खेती के साथ-साथ देसी खीरे की खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला आज वह करीब 2 बीघे में खीरे की खेती कर एक फसल पर एक से सवा लाख रुपये मुनाफा कमा रहे है.

एक बीघे में आते 15 हजार रुपए की लागत
इसकी खेती करने वाले किसान पंकज ने लोकल 18 से कहा कि  करीब -तीन सालों से सब्जियों की खेती कर रहा हूं जिसमें लौकी टमाटर कद्दू खीरा आदि  फसले है. इस समय मेरे पास करीब दो बीघा में खीरा लगा हुआ है जो निकल भी रहा है.क्योंकि यह जो देसी खीरा होता है अन्य खींरो के मुकाबले इसका स्वाद काफी अच्छा होता है और इसकी मांग भी अधिक है. वही बारिश के समय खीरे की खेती करना थोड़ा मुश्किल होता है ज्यादा बारिश होने से खीरे की फसल में रोग लगने के साथ साथ फशल नष्ट हो जाती है. यही वजह है इसकी खेती कम होती है वही खीरे की फसल में लागत की बात करें तो  एक बीघे में 15 से 16 हजार रुपए आती है. वही मुनाफा करीब एक से सवा लाख रुपये तक एक फसल पर हो जाता है.इसकी खेती हम मल्च विधि से करते हैं. जिससे खीरे की अच्छी पैदावार होती है.

खीरे की खेती में बढ़ेगी उपजइसकी खेती करना काफी आसान है पहले खेत की गहरी जुताई की जाती है. फिर खेत में मेड बनाकर उसपर पन्नी बिछाई जाती है फिर पन्नी में छेद करके खीरे के बीज की बुआई की जाती है. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है फिर इसमें हम बांस को लगा कर डोरी तार के सहारे खीरे के पौधे को बांध दिया जाता है जिससे खीरे की बेल तार वह डोरी पर फैल जाती है. जिससे खीरे की फसल की अधिक पैदावार होती है और रोग लगने का खतरा कम रहता है वही महज इसकी बुवाई करने के 40 से 50 दिनों बाद फसल निकलना शुरू हो जाती हैLocation :Bara Banki,Uttar PradeshFirst Published :August 15, 2025, 19:48 ISThomeagricultureकिसान इस तकनीक से करें खीरे की खेती, कम लागत होगा ज्यादा मुनाफा

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