सर्दियों के मौसम में शरीर को मजबूत बनाने के लिए कई तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है. इनमें से एक ऐसा खाद्य पदार्थ है बथुआ, जो आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बथुआ में विटामिन और पौष्टिक तत्व ऐसे हैं जो कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.
बथुआ में आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन ए और फाइबर से भरपूर होता है. इसलिए इसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला साग भी कहा जाता है. ठंड के मौसम में शरीर सुस्त पड़ने लगता है, ऐसे में बथुआ शरीर में गर्मी बनाए रखने में भी मदद करता है. कब्ज और गैस में राहत, बथुआ में पाया जाने वाला फाइबर पाचन को ठीक करता है और पेट साफ रखने में मदद करता है. अगर हफ्ते में 2-3 बार बथुआ का साग या रायता लिया जाए तो पाचन तंत्र बेहतर रहता है.
हड्डियों और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद, बथुआ कैल्शियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है. नियमित रूप से बथुआ का सेवन करने से गठिया जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है. खून की कमी दूर करने में मददगार, बथुआ में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है. इसलिए जिन लोगों के खून में आयरन कम है या एनीमिया की समस्या है, उन्हें बथुआ जरूर खाना चाहिए. खासकर महिलाओं और लड़कियों के लिए यह साग बहुत फायदेमंद माना जाता है. शुगर मरीज भी खा सकते हैं, कुछ रिसर्च में यह भी बताया गया है कि बथुआ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. डायबिटीज के मरीज अगर इसे सीमित मात्रा में खाएं तो काफी लाभ मिल सकता है. हालांकि किसी भी बीमारी में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. लिवर को करता है साफ, बथुए का रस शरीर की सफाई में भी बहुत मददगार होता है. यह लिवर को डिटॉक्स करता है और शरीर से नुकसानदेह तत्व बाहर निकालता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि नियमित रूप से बथुए का रस लेने से लिवर मजबूत होता है और पाचन तंत्र भी ठीक रहता है. त्वचा में निखार लाता है, सर्दियों में त्वचा रूखी हो जाती है. बथुआ एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है, इसलिए इससे त्वचा में निखार आता है. कई जगह बथुए का रस मुंहासे और त्वचा संबंधी दिक्कतों में घरेलू उपाय के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.

