लखीमपुर खीरी में बनबसा बैराज से छोड़े गए लगभग 2 लाख क्यूसेक पानी ने जमकर तबाही मचा रखी है. जिसके चलते कई गांव जलमग्न हो गए हैं, हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है और लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है. बाढ़ की त्रासदी लोगों के घरों और रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डाल रही है.
खीरी जिले के गोला तहसील क्षेत्र के बेलहा गांव में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है. पिछले तीन दिनों से गांव में करीब 3 फीट पानी भरा हुआ है. जिन लोगों के मकान पक्के हैं, उन्होंने अपने आशियाने की छतों पर शरण ले रखी है. वहीं, जो लोग प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं, उन्हें जीवन यापन के लिए चारपाई और तखत पर बैठकर रहना पड़ रहा है. घरों में पानी होने के कारण खाना बनाना भी मुश्किल हो गया है और छोटे बच्चे काफी परेशान हैं.
बेलहा गांव की रहने वाली रामदेवी ने बताया कि दिन हो या रात, 24 घंटे हम लोग चारपाई पर ही बैठे रहते हैं. घर में रखा सामान पानी के कारण खराब हो गया है. हमारे घर में लगभग 3 फीट पानी भरा हुआ है, जिससे खाना बनाना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि 2 दिनों से घर पर चूल्हा नहीं जला है. प्रशासन की ओर से लंच पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनके सहारे हम जीवन यापन कर रहे हैं.
रामदेवी ने आगे कहा कि हर साल शारदा नदी की बाढ़ के कारण लाखों रुपए का नुकसान होता है. गांव में करीब चार करोड़ रुपए की परियोजना बनाई गई थी और लोगों को आश्वासन दिया गया था कि अब बाढ़ से निजात मिल जाएगी, लेकिन यह आश्वासन सिर्फ आश्वासन ही रह गया. बाढ़ की वास्तविकता आज भी लोगों की जिंदगी पर भारी प्रभाव डाल रही है.
बेलहा गांव के लोग पानी में फंसे हुए हैं और उन्हें न केवल आवास और खाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उनके खेत और फसल भी पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. प्रशासन राहत कार्य कर रहा है, लेकिन खराब मौसम और पानी की तेज़ी के कारण राहत कार्य में बाधा आ रही है.
लखीमपुर खीरी में बनबसा बैराज का पानी लोगों के जीवन और कृषि पर भारी प्रभाव डाल रहा है. गांव के लोग आशा कर रहे हैं कि प्रशासन जल्दी प्रभावी कदम उठाकर उन्हें बाढ़ से निजात दिलाए.