Last Updated:August 03, 2025, 17:34 ISTAIIMS News : एम्स जैसे हाईटेक अस्पताल में अब इलाज ही नहीं, मरीजों के साथ आए तीमारदारों को भी मिलेगा आराम. यहां ने सिर्फ 10 रुपए में में इलाज होगा, बल्कि रुकने की भी सुविधा 10 रुपए में मिलेगी. नई व्यवस्था से जह…और पढ़ेंगोरखपुर : गोरखपुर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर ने मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को बड़ी राहत दी है. अब रैन बसेरे (नाइट शेल्टर) का शुल्क मात्र 10 रुपए प्रति रात कर दिया गया है. यह निर्णय उन हजारों लोगों के लिए राहतभरा है, जो इलाज के दौरान अस्पताल परिसर में रुकते हैं लेकिन ठहरने की उचित व्यवस्था के अभाव में फर्श, सीढ़ियों या पेड़ों के नीचे रात गुजारने को मजबूर रहते हैं.
पूर्वांचल के अलावा नेपाल और बिहार से हर दिन हजारों की संख्या में मरीज एम्स आते हैं. उनके साथ रहने वाले परिजनों को अब 10 रुपए में साफ-सुथरे और सुरक्षित नाइट शेल्टर की सुविधा मिलेगी. यह सेवा 1 अगस्त की रात से लागू हो चुकी है और पहले ही दिन 22 बिस्तरों की बुकिंग भी दर्ज की गई.
145 बिस्तरों की सुविधा
एम्स प्रशासन ने बताया कि नाइट शेल्टर में कुल 145 बिस्तरों की सुविधा है और प्रतिदिन औसतन 100 बुकिंग हो रही है. यह संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है क्योंकि लोग इस सुविधा से धीरे-धीरे अवगत हो रहे हैं. मरीजों और परिजनों को सुविधा की जानकारी देने के लिए OPD, इमरजेंसी, वार्ड और अन्य प्रमुख स्थानों पर साइन बोर्ड, लगाए जा रहे हैं.
1 महीने में 65 रुपए की कटौतीकार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हर तीमारदार को सुरक्षित और सस्ती छत मिल सके. यह केवल एक सेवा नहीं, बल्कि उपचार प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि जुलाई में पहले इस शुल्क को 75 रुपए से घटाकर 30 रुपए किया गया था और अब इसे 10 रुपए किया गया है, यानी एक महीने में कुल 65 रुपए की कटौती की गई है.
तीमारदारों को मिलेगी राहतयह पहल न केवल तीमारदारों को आराम देगी, बल्कि अस्पताल परिसर की व्यवस्था और स्वच्छता को भी बेहतर बनाएगी. एम्स का यह कदम जनसेवा की दिशा में एक मिसाल बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो इलाज के दौरान आर्थिक और मानसिक दबाव से गुजरते हैं.Location :Gorakhpur,Gorakhpur,Uttar PradeshFirst Published :August 03, 2025, 17:34 ISThomeuttar-pradeshकहां मिलेगा ऐसा हाईटेक अस्पताल? 10 रुपए में इलाज, और रुकने की जगह, अब तीमारदार