दुनियाभर के वैज्ञानिक डायबिटीज मरीजों के इलाज के लिए नए-नए उपायों की खोज करते रहते हैं. अब अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसा इम्प्लांटेबल डिवाइस तैयार किया है, जिससे टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों को बीमारी से कुछ हद तक निजात मिल सकती है. यह ग्लूकोज के स्तर को सामान्य रखता है.
नेचर कम्युनिकेशन’ में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि ह्यूस्टन मेथोडिस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के नेतृत्व एक शोध दल ने आइलेट सेल्स को सीधे एक 3डी प्रिंटेड डिवाइस से जोड़ा. इस डिवाइस के आइलेट सेल्स से जुड़ते ही शरीर ने स्वस्थ ग्लूकोज के स्तर को बहाल किया और 150 से अधिक दिनों के लिए टाइप-1 डायबिटीज के लक्षणों को समाप्त कर दिया. इस दौरान मधुमेह के मरीज ने बेहतर महसूस किया.दुष्परिणामों की जांच भी करेंगेअध्ययन के प्रमुख लेखक एलेसेंड्रो ग्राटोनी ने कहा, हालांकि अभी इस उपकरण के दुष्परिणामों के बारे में ज्यादा पता नहीं लगाया जा सका है. ग्राटोनी ने कहा कि उनके सहयोगी अगले कुछ वर्षों में इस शोध का विस्तार करेंगे. अगले तीन वर्षों में मनुष्यों में इस उपकरण से सुरक्षा का टेस्ट किया जाएगा.
इस तरह संतुलित रहेगाशोधकर्ताओं ने कहा कि इस तकनीक से डायबिटीज से प्रभावित लाखों लोगों का इलाज किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस उपकरण से मधुमेह को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन शरीर में ग्लूकोज के लेवल को काफी हद तक सामान्य रखा जा सकता है.
त्वचा के नीचे लगाया जाता है यह उपकरणह्यूस्टन मेथोडिस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में नैनोमेडिसिन विभाग द्वारा बनाया गया यह उपकरण त्वचा के नीचे लगाया जाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि यह एलोजेनिक आइलेट प्रत्यारोपण और दीर्घकालिक टाइप-1 डायबिटीज प्रबंधन के लिए अब तक का सबसे बेहतर तरीका हो सकता है. आने वाले समय में इसे और भी बेहतर बनाने का प्रयास जारी रहेगा.
Madhya Pradesh announces Rs one crore reward for World Cup-winning pacer Kranti Goud
BHOPAL: Madhya Pradesh chief minister Mohan Yadav on Monday announced a cash reward of Rs 1 crore for…

