कभी था कुशभवनपुर, अब क्यों बना सुल्तानपुर? राम की धरती से जुड़ा ये राज आपको चौंका देगा!

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Last Updated:June 26, 2025, 18:03 ISTSultanpur News: सुल्तानपुर जिले को पहले कुशभवनपुर के नाम से जाना जाता था. यह भगवान श्रीराम के पुत्र कुश की नगरी मानी जाती है. मुगलकाल में इसे सुल्तानपुर नाम मिला. ऐतिहासिक और धार्मिक प्रमाण इसकी प्राचीनता को सि…और पढ़ेंहाइलाइट्ससुल्तानपुर जिले को पहले कुशभवनपुर के नाम से जाना जाता था.यह भगवान श्रीराम के पुत्र कुश की नगरी मानी जाती है.मुगलकाल में इसे सुल्तानपुर नाम मिला.सुल्तानपुर: अयोध्या से करीब 60 किलोमीटर दूर बसी एक ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी सुल्तानपुर है. इसे आज भी भगवान श्रीराम के बेटे भगवान कुश की नगरी कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका नाम पहले कुशभवनपुर, कुशावती या कुशपुर था? मुगल काल के दौरान इस पावन धरती को नया नाम सुल्तानपुर मिला, अब यही नाम सालों से चर्चा और विवाद का विषय बना हुआ है.कुशभवनपुर नाम है सबसे प्राचीन
राणा प्रताप पीजी कॉलेज, सुल्तानपुर में इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रभात श्रीवास्तव बताते हैं कि यह ज़िला प्राचीन कोशल राज्य का हिस्सा था. रामायण काल से जुड़ा हुआ यह क्षेत्र समय के थपेड़े सहते हुए आज तक इतिहास की धरोहर संजोए हुए है. उन्होंने लोकल18 से बातचीत में बताया कि कुशभवनपुर, कुशावती और कुशपुर जैसे नामों का उल्लेख विभिन्न ऐतिहासिक ग्रंथों और यात्राओं में मिलता है.

इतिहास में दर्ज हैं प्रमाणप्रसिद्ध लेखक राजेश्वर सिंह की किताब “सुल्तानपुर: इतिहास की झलक” और लाला सीताराम द्वारा लिखित “अयोध्या का इतिहास” में यह प्रमाण मिलता है कि यह क्षेत्र कुशभवनपुर के नाम से जाना जाता था. इतना ही नहीं, प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी यात्रा वृतांत में इस क्षेत्र का उल्लेख “कियाशोपोलो” नाम से किया है, जो संस्कृत शब्द केसपुत्त या केसिपुत्त से मेल खाता है.

इतिहासकार डॉ. के.सी. श्रीवास्तव की किताब “प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति” में भी इसका उल्लेख मिलता है कि बौद्ध काल में यह स्थान कालाम गणतंत्र का हिस्सा था और कोशल राज्य के अधीन था. यानी ऐतिहासिक प्रमाणों से साफ है कि यह भूमि प्राचीन काल से ही धार्मिक और राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण रही है.

कैसे पड़ा सुल्तानपुर नाम?सुल्तानपुर के नाम को लेकर एक मान्यता यह है कि यहां के राजा नंद कुंवर भर को खिलजी वंश के शासकों ने युद्ध में हराया था और उनकी बहादुरी के चलते उन्हें ‘सुल्तान’ की उपाधि दी गई. इसी उपाधि से प्रभावित होकर इस क्षेत्र का नाम सुल्तानपुर पड़ गया. हालांकि, इस बात पर इतिहासकारों में मतभेद है क्योंकि यह प्रमाणित नहीं किया जा सका है.

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फिर नाम बदलने की मांग तेजस्थानीय लोगों के बीच आज भी सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर रखने की मांग ज़ोर पकड़ रही है. कई धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों का मानना है कि रामायण कालीन इस भूमि का नाम विदेशी हमलावरों की दी हुई उपाधि पर आधारित नहीं होना चाहिए. कई जगह आज भी सरकारी या सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ‘कुशभवनपुर’ नाम लिखा जाता है.

सुल्तानपुर का इतिहास बताता है कि यह सिर्फ एक ज़िला नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन परंपरा, धर्म और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है. अब देखना ये है कि इस ऐतिहासिक नाम को वापस लाने की दिशा में सरकार कोई कदम उठाती है या नहीं.Location :Sultanpur,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshकभी था कुशभवनपुर, अब सुल्तानपुर! राम की धरती से जुड़ा ये राज आपको चौंका देगा!

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