अलीगढ़ का बक्कल उद्योग अब न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी खास पहचान बना चुका है. कभी चीन से आयात होने वाला बक्कल अब पूरी तरह “मेड इन इंडिया” बनकर न सिर्फ देश की जरूरत पूरी कर रहा है बल्कि यूरोप, अमेरिका, बांग्लादेश और अन्य देशों में निर्यात हो रहा है. अलीगढ़ जिले का बक्कल उद्योग आज देश और विदेश में अपनी खास पहचान बना चुका है. पहले बक्कल चीन से आयात किया जाता था लेकिन अब यह पूरी तरह “मेड इन इंडिया” बन चुका है. अलीगढ़ में बने बक्कल न सिर्फ भारत की जरूरतें पूरी कर रहे हैं बल्कि यूरोप, इंग्लैंड, फ्रांस, अमेरिका और बांग्लादेश जैसे देशों में निर्यात किए जा रहे हैं. मजबूत गुणवत्ता और टिकाऊपन की वजह से अलीगढ़ का बक्कल ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना चुका है.
बक्कल उद्योग का इतिहास अलीगढ़ में बक्कल बनाने का काम 1960-1970 के दशक में शुरू हुआ. बक्कल मुख्य रूप से बेल्ट और जूते में इस्तेमाल होता है. बेल्ट की पट्टी को सुरक्षित रखने के लिए बक्कल का उपयोग किया जाता है. पहले अलीगढ़ में बक्कल नहीं बनता था और इसे चीन से आयात किया जाता था. चूंकि विदेशी बक्कल महंगे होते थे, इसलिए अलीगढ़ में बक्कल उद्योग की शुरुआत हुई. आज हिंदू-मुस्लिम सभी मिलकर इस काम को अच्छे तरीके से चला रहे हैं. अलीगढ़ में बक्कल जस्ते और लोहे दोनों में बनाए जाते हैं. बड़ी फैक्ट्रियों में उत्पादन होता है क्योंकि भारत में इसकी खपत बहुत अधिक है. अलीगढ़ की मंडी बक्कल के लिए प्रसिद्ध है.
अलीगढ़ का बक्कल ग्लोबल मार्केट में कारोबारी मुशर्रफ हुसैन बताते हैं कि अलीगढ़ में बने बक्कल न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी सप्लाई किए जाते हैं. बांग्लादेश इसका बड़ा बाजार है, वहीं यूरोपियन देशों जैसे इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका में फैंसी टाइप के बक्कल भेजे जाते हैं. अलीगढ़ के बक्कल की मांग लगातार बढ़ रही है, क्योंकि यह “मेड इन इंडिया” है. मजबूत गुणवत्ता और टिकाऊपन की वजह से अलीगढ़ का बक्कल ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना चुका है.
आज खूब फल-फूल रहा बक्कल उद्योग अलीगढ़ में बक्कल उद्योग बड़े पैमाने पर फैल चुका है. ऊपर कोर्ट, शाहजामल, उस्मानपाड़ा, भोजपुरा और सासनी गेट जैसे इलाकों में सैकड़ों कारखाने खुले हैं. सभी धर्मों और समाज के लोग मिलकर बक्कल बनाने का काम करते हैं. बक्कल आम लोगों की जरूरत की चीज है, इसलिए इसकी मांग हर जगह बनी रहती है. अलीगढ़ में बने बक्कल की मांग देश भर में और विदेशों में लगातार बढ़ रही है.