Last Updated:May 09, 2025, 16:56 ISTKashi Vishwanath Temple : तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के चेट्टियार समाज द्वारा 250 सालों से काशी विश्वनाथ मंदिर की आरती के लिए पूजा सामग्री भेजी जाती है. गौरतलब है कि हर दिन बाबा विश्वनाथ की 5 आरतियों में यह सामग्…और पढ़ेंX
तमिलनाडु से है काशी विश्वनाथ का खास नाताहाइलाइट्सतमिलनाडु का चेट्टियार समाज 250 सालों से आरती सामग्री भेजता है.काशी विश्वनाथ मंदिर में हर दिन 5 बार आरती होती है.चेट्टियार समाज अन्नक्षेत्र में भी अहम योगदान देता है.वाराणसी : दक्षिण भारत से उत्तर भारत का रिश्ता सदियों पुराना है. धर्म नगरी काशी में इसका जीता जागता सबूत भी है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आज भी दक्षिण भारत के एक समुदाय के लोग बाबा की आरती के लिए हर दिन आरती की सामग्री पहुंचाते हैं. करीब 250 सालों से तमिलनाडु के चेट्टियार समुदाय के लोग इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि हर दिन बाबा विश्वनाथ की 5 बार आरती होती है. इन आरतियों में जो भी पूजा सामग्री प्रयोग होती है वो तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के चेट्टियार समाज द्वारा आज भी दिया जाता है. इसके लिए समाज के लोग पूरी पवित्रता का ध्यान रखते हुए न सिर्फ चंदन की घिसाई करते हैं बल्कि माला, फूल और अन्य आरती से जुड़ी चीजों को गाजे बाजे के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचाते हैं. इसी पूजा सामग्री से बाबा विश्वनाथ की आरती होती है.
तीन भाषा में जारी हुआ वीडियोतमिलनाडु राज्य के चेट्टियार समाज के इस परंपरा को एक 59 सेकेंड के वीडियो में संजोया गया है. इस वीडियो को 3 अलग अलग भाषा में जारी किया गया है. जिसके जरिए दक्षिण और उत्तर भारत के रिश्ते को मजबूत करेगा. विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि हिंदी,अंग्रेजी और तमिल भाषा में जारी किया गया है.
अन्नक्षेत्र में भी अहम योगदानकाशी विश्वनाथ के आरती के साथ ही धाम में चल रहे अन्नक्षेत्र में भी चेट्टियार समाज अहम योगदान निभा रहा है.बताते चलें कि इस अन्नक्षेत्र में हर दिन हजारों लोग निःशुल्क प्रसाद ग्रहण करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से काशी में कोई भी भूखा नहीं सोता है इसलिए यहां अन्नक्षेत्र का संचालन किया जाता है.
Location :Varanasi,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshकाशी विश्वनाथ में आरती के लिए साम्रगी भेजता है तमिलनाडु का ये समुदाय…