Last Updated:June 15, 2025, 11:05 ISTGhaziabad News: दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर, गाजियाबाद, 5000 वर्ष पुराना है और रावण-विश्वश्रवा ऋषि से जुड़ा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इसका कायाकल्प हो रहा है.गाजियाबाद के हृदय में स्थित दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हजारों वर्षों पुरानी आस्था और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर करीब 5000 वर्ष पुराना है और इसका संबंध रावण और उसके पिता विश्वश्रवा ऋषि से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि इसी स्थान पर विश्वश्रवा ऋषि तपस्या किया करते थे और रावण भी यहीं शिव की आराधना करने आया था.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट
सावन के पावन महीने में यह मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है. दूर-दूर से भक्त जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए यहां आते हैं. यह मंदिर गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आस्था का केंद्र माना जाता है. श्रद्धालु कांवड़ लेकर हरिद्वार से यहां पहुंचते हैं और भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक मंदिर की महत्ता को देखते हुए इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया है. उनके निर्देशन में अब इस मंदिर का कायाकल्प किया जा रहा है. ताकि यह धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सके. मंदिर में काशी विश्वनाथ और उज्जैन कॉरिडोर की तर्ज पर एक भव्य कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है.
मंदिर विकास के पहले चरण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. पर्यटन विभाग ने इसके लिए 6 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है. इस योजना के तहत मंदिर का मुख्य द्वार चौड़ा किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को प्रवेश के समय किसी प्रकार की असुविधा न हो. इसके अलावा मंदिर परिसर में एक विशाल सभा हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु विश्राम कर सकेंगे और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे.
मंदिर की दीवारों और गलियारों में विभिन्न देवी-देवताओं की कलाकृतियां स्थापित की जा रही हैं, जो न सिर्फ सौंदर्य बढ़ाएंगी बल्कि धार्मिक वातावरण को भी और सशक्त करेंगी. मंदिर का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय और सांस्कृतिक रंगों में रंगा जा रहा है.
क्या कहना है जिलाधिकारी दीपक मीणा कागाजियाबाद जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्राथमिकता में रहा है. मंदिर के लिए पर्यटन विभाग को पैसा जारी किया गया है. मंदिर में मल्टीपरपस हॉल जिसमें 400- 500 लोगों की बैठने की जगह रहेगी. मंदिर का गेट का भव्य निर्माण किया जा रहा है. कॉरिडोर के लिए योजना बनाई जा रही है. जल्द ही कॉरिडोर बनकर तैयार होगा और लोगों को सुविधा मिलेगी.यह कॉरिडोर बनने के बाद गाजियाबाद का यह मंदिर न केवल श्रद्धा का प्रतीक रहेगा, बल्कि यह धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण स्थल बनकर उभरेगा. सरकार का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिले और गाजियाबाद का यह ऐतिहासिक मंदिर देशभर के धार्मिक मानचित्र पर और अधिक चमक सके. जल्द ही यह प्राचीन शिवधाम न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए, बल्कि अपने नवीन स्वरूप और भव्यता के लिए भी जाना जाएगा. गाजियाबादवासियों और समस्त प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय है कि अब उनका यह पावन स्थल एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का धाम बनकर उभरेगा.Location :Ghaziabad,Ghaziabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshकाशी-उज्जैन की तर्ज पर विकसित हो रहा UP का ये मंदिर, बन रहा भव्य कॉरिडोर