Uttar Pradesh

कांटेदार गोल-गोल गुब्बारे की तरह दिखती है ये सब्जी, पेट के रोगों के लिए रामबाण, स्वाद भी लाजवाब



धीरेंद्र शुक्ल/चित्रकूट. आपने सब्जियां तो बहुत खाई होंगी. लेकिन आज हमआपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें सेहत का राज छिपा है.इस सब्जी को खाने का मजा ही कुछ और है. बुंदेलखंड के चित्रकूट में पाठा जगह इतनी मशहूर है, कि यहां के लोग जंगली सब्जियों को खाते ही झूम उठते हैं. इस जंगली सब्जी की खेती चित्रकूट में नहीं की जाती है, बल्कि ये अपनेआप पनप जाती है.

ऐसे में ये सब्जी चित्रकूट के लिए बहुत ही खास मानी जाती है.यह सब्जी कांटेदार गोल गोल गुब्बारे की तरह पाई होती है और इस सब्जी को स्थानीय भाषा में परोरा कहा जाता है.यहां के लोगों का मानना है कि परोरा को खाने से पेट के सभी रोगों को दूर किया जा सकता है.लोगों का कहना है कि पहाड़ों के बीच में झुंड के झुंड कांटेदार के रूप में निकलते हैं. जिसके बाद बाजारों में आकर बहुत धूम मचाता है, क्योंकि इस सीजन में ही यह सब्जी ज्यादा पाई जाती है.

परोरा सब्जी की खासियतसब्जी विक्रेता शौकत अली और संतोष कुमार ने बताया कि परोरा चित्रकूट के पाठा के घाटियों और जंगलों में पाया जाता है. इस सब्जी का स्वाद काफी अच्छा रहता है. इस सब्जी को खाने से आपके शरीर में कई फायदे भी होते हैं. इसीलिए यह खास सब्जी है और यह बहुत ही कम बाजारों में दिखाई पड़ती है.कोल आदिवासी इसको जंगलों से तोड़कर हम लोगों तक पहुंचाते हैं और हम लोग आम जनमानस तक इस सब्जी को पहुंचाते हैं.यह सब्जी सबसे ज्यादा बजार में बिकती है.क्योंकि इसका खाने का स्वाद आपको बिल्कुल अलग ही मिलेगा.

स्वाद भी बेमिसालअरोरा यह भी एक जंगली फल है. जिसे चित्रकूट में पाया जाता है. इसका स्वाद अन्य सब्जियों से अलग होता है और यह बाजारों में खूब पसंद की जाती है. पाठा में विभिन्न प्रकार के जंगली साग पाए जाते हैं, जैसे कि बथुआ, पालक, लौकी के पत्ते आदि. ये साग आपके आहार में पौष्टिकता प्रदान करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार के जंगली फल भी पाए जाते हैं. जैसे कि आम, बेर, किलकांदा आदि.यह सब जंगली सब्जियां चित्रकूट के पाठा के प्राकृतिक पर्यावरण में पैदा होती हैं और यहां की स्थानीय जनता के लिए महत्वपूर्ण आहार स्रोत होती हैं.
.Tags: Local18, VegetablesFIRST PUBLISHED : August 20, 2023, 12:53 IST



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