कानपुर में लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़ी विशेष ओपीडी की शुरुआत
कानपुर: उत्तर प्रदेश में कानपुर वालों के लिए मेडिकल सुविधाओं के नजरिए से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. शहर में पहली बार लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़ी विशेष ओपीडी शुरू होने जा रही है. अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ के लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ अब कानपुर के गैस्ट्रो लिवर हॉस्पिटल में नियमित परामर्श देंगे. इससे गंभीर लिवर रोगों से जूझ रहे मरीजों को अपने ही शहर में उन्नत और विश्वस्तरीय उपचार की सुविधा मिल सकेगी.
इस ओपीडी का नेतृत्व अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ के सीनियर डायरेक्टर एवं एचओडी, लिवर ट्रांसप्लांट एवं एचपीबी सर्जरी, डॉ. अभिषेक यादव करेंगे. वे हर महीने तीसरे बुधवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक मरीजों को देखेंगे. यह पहली बार है जब कानपुर में लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़ा विशेषज्ञ परामर्श नियमित रूप से मिलेगा।
डॉ. यादव ने बताया कि भारत में लिवर रोग तेजी से बढ़ रहे हैं और हर साल बड़ी संख्या में मरीज इलाज के अभाव में अपनी जान गंवा देते हैं. उत्तर प्रदेश में भी करीब 50,000–60,000 लोग हर साल लिवर से जुड़ी बीमारियों से मौत का शिकार होते हैं, लेकिन ट्रांसप्लांट की सुविधा सीमित होने के कारण केवल 200–250 ही ऑपरेशन हो पाते हैं. कानपुर में इस ओपीडी के शुरू होने से हजारों मरीजों को समय रहते सही दिशा और इलाज मिल सकेगा।
लिवर ट्रांसप्लांट पर 5 लाख रुपये तक सरकारी राहत
लिवर ट्रांसप्लांट एक महंगा इलाज माना जाता है, जिसकी औसत लागत 18 से 19 लाख रुपये तक आती है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार मरीजों को बड़ी राहत देती है. मुख्यमंत्री राहत कोष सहित कई योजनाओं के जरिए मरीजों को करीब 5 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता मिल सकती है. इसके अलावा कई केंद्रीय योजनाएं और स्वास्थ्य बीमा विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिससे आर्थिक बोझ काफी कम हो जाता है. अब कानपुर के मरीजों को दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहरों में भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कानपुर को मिलेगी उन्नत लिवर केयर की सुविधा
गैस्ट्रो लिवर हॉस्पिटल के चेयरमैन और वरिष्ठ गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. वी.के. मिश्रा ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट की सफलता दर अब 95% से 97% तक पहुंच गई है. आधुनिक तकनीक और सही समय पर उपचार से मरीज पूरी तरह स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस ओपीडी का उद्देश्य यह है कि कानपुर और आसपास के जिलों के मरीजों को अपने ही शहर में विशेषज्ञों की पूरी सुविधा मिल सके।
बेहतर कनेक्टिविटी से मरीजों को मिलेगा बड़ा लाभ
अपोलो के सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा कि लखनऊ–कानपुर एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद मरीज सिर्फ 45 मिनट में लखनऊ पहुंच सकेंगे. इससे इमरजेंसी स्थितियों में जीवन बचाना आसान होगा और ट्रांसप्लांट के बाद नियमित फॉलो-अप भी बिना किसी परेशानी के हो सकेगा।
कानपुर में पहली बार शुरू हो रही यह लिवर ट्रांसप्लांट ओपीडी न केवल शहर बल्कि पूरे बुंदेलखंड और आसपास के जिलों के मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित होगी. विशेषज्ञों की टीम, सरकारी आर्थिक सहायता और उन्नत तकनीक मिलकर लिवर रोगों से जूझ रहे लोगों को नई उम्मीद देगी।

