कानपुर की हवा फिर से खराब होने लगी है। शहर के अलग-अलग इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर चिंताजनक दर्ज किया गया है। कई जगहों पर हवा “खराब” और कुछ इलाकों में “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गई है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और डॉक्टरों ने बाहर कम निकलने की सलाह दी है।
कानपुर के आईआईटी क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स लगभग 250 के आसपास रहा है। यह “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। वहीं कल्याणपुर, काकादेव, गोविंद नगर और किदवई नगर जैसे इलाकों में AQI 180 से 220 के बीच पाया गया है, जो “खराब” श्रेणी में गिना जाता है। शहर का औसत AQI लगभग 114 दर्ज हुआ है, जो सामान्य से काफी अधिक है। इसका मतलब है कि हवा में धूल, धुआं और अन्य प्रदूषक कणों की मात्रा सामान्य से कई गुना ज्यादा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दी की शुरुआत में हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे धूल और धुआं ऊपर नहीं उठ पाता। इसके अलावा सड़कों पर लगातार बढ़ता ट्रैफिक, वाहनों से निकलता धुआं, जगह-जगह पर कचरा जलाना और निर्माण कार्य भी वायु गुणवत्ता को बिगाड़ रहे हैं। कई इलाकों में सड़क धूलभरी हैं और गड्ढों की वजह से धूल लगातार उड़ती रहती है। यही धूल हवा में मिलकर लोगों की सेहत पर असर डाल रही है।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि जिन लोगों को दमा, एलर्जी या सांस की बीमारी है, वे बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाएं। सुबह और देर शाम के समय टहलने से बचें क्योंकि इन समयों पर प्रदूषक कण हवा में ज्यादा होते हैं। नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी सड़कों पर पानी छिड़काव बढ़ाने, कचरा न जलाने और वाहनों की जांच अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।
लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। घर से निकलते समय मास्क लगाएं, बच्चों और बुजुर्गों को धुंध वाले इलाकों में न ले जाएं, पौधे लगाएं और जरूरत न हो तो वाहन का उपयोग कम करें। कचरा या पत्तियां जलाने से बचें।
हवा लगातार बिगड़ती जा रही है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में AQI और भी खराब हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सब मिलकर शहर की हवा को साफ रखने की कोशिश करें। छोटी-छोटी सावधानियां भी बड़े बदलाव ला सकती हैं।

