कानपुर में विजय दशमी का पर्व भव्य उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया. परेड ग्राउंड में रामलीला और रावण दहन का आयोजन हजारों श्रद्धालुओं के लिए बुराई पर अच्छाई की जीत का जीवंत अनुभव बन गया. जय श्री राम के उद्घोष और आतिशबाजी ने इस त्योहार को और भी यादगार बना दिया.
उत्तर भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजय दशमी का पर्व श्रद्धा और उमंग के साथ मनाया गया. कानपुर के परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य रामलीला और रावण दहन ने हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया. इस अवसर पर शहर में एक अलग ही उत्सव का माहौल था, जहां जय श्री राम के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. वहीं कानपुर में इस बार का रावण दहन बेहद खास रहा क्योंकि इस उत्सव में भारत और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी शामिल रहें.
इस वर्ष की रामलीला में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की झांकी का आयोजन किया गया, जिसमें रावण अपने दस सिरों के साथ रथ पर विराजमान था. शोभायात्रा में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और रंग-बिरंगी झांकियों ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया. श्रद्धालु सुबह से ही आयोजन स्थल पर जमा होकर इस दिव्य माहौल का हिस्सा बने.
रामलीला मंचन के दौरान जब भगवान राम ने रावण का वध किया, तो पूरा मैदान तालियों और जयघोषों से गूंज उठा. इस भावनात्मक क्षण ने उपस्थित दर्शकों के चेहरों पर खुशी और गर्व दोनों का भाव पैदा किया. उसके बाद आधुनिक इलेक्ट्रिक सिस्टम के ज़रिए रावण दहन किया गया, जिसमें आतिशबाजी ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया. इस दृश्य ने उपस्थित लोगों में उत्साह और श्रद्धा की भावना को बढ़ा दिया.
वहीं, भारत और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम के खिलाड़ी परेड मैदान में आयोजित ऐतिहासिक रामलीला और रावण दहन का हिस्सा बने. दशहरे की इस भव्य परंपरा को देखने के लिए खिलाड़ी होटल लैंडमार्क की बालकनी से आनंद ले रहे थे, जहां करीब 100 फुट ऊंचा रावण जलाया गया. आयोजनकर्ताओं ने खिलाड़ियों के लिए विशेष इंतजाम किए थे, जिसमें सुरक्षा, बैठने की व्यवस्था की गई थी.

