कानपुर चिड़ियाघर में उम्रकैद की सजा काटेगा बिजनौर का खूंखार तेंदुआ
कानपुर : बिजनौर जिले के लोगों के लिए खतरा बना खूंखार तेंदुआ अब कानपुर चिड़ियाघर में उम्रकैद की सजा काटेगा. यह तेंदुआ पिछले 12 दिनों में चार लोगों की जान लेने के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना चुका था. ग्रामीण तो सूरज ढलने के बाद घरों से बाहर निकलने से भी कतराते थे. लेकिन अब इस तेंदुए को पकड़ लिया गया है और वह कानपुर चिड़ियाघर में रखा जाएगा, जहां वह अपनी इन हत्याओं की सजा उम्र कैद के रूप में काटेगा.
बिजनौर जिले के इस्सेपुर गांव और आसपास के इलाकों में पिछले दो हफ्तों से दहशत का माहौल था. ग्रामीण खेतों में काम करने तक से डरने लगे थे. जानकारी के मुताबिक तेंदुए ने 12 दिन के भीतर चार लोगों की जान ली थी. 15 सितंबर को उसने एक महिला पर हमला कर उसकी जान ले ली थी. इससे पहले भी वह तीन लोगों की जान ले चुका था. लगातार हमलों के कारण पूरा इलाका सहमा हुआ था और लोग घरों से बाहर निकलने में डरने लगे थे.
ग्रामीणों ने ली राहत की सांस लगातार शिकार कर रहे इस तेंदुए को पकड़ना वन विभाग के लिए आसान नहीं था. कई दिनों तक टीम ने इलाके में कैंप किया और अलग-अलग जगहों पर पिंजरे लगाए. आखिरकार वह तेंदुआ पिंजरे में फंस गया. जैसे ही उसे पकड़ा गया, पूरे इलाके ने राहत की सांस ली. वन विभाग की टीम उसे रेस्क्यू कर कानपुर चिड़ियाघर लेकर आई. अब यहीं पर वह विशेषज्ञों की देखरेख में रखा जाएगा और यहीं पर वह अब अपनी इन हत्याओं की सजा उम्र कैद के रूप में काटेगा.
चिड़ियाघर में बेचैन दिखा तेंदुआ
चिड़ियाघर लाए जाने के बाद तेंदुआ लगातार गुस्से में नजर आ रहा है. पिंजरे में कैद होने के बाद वह बार-बार लोहे की रॉड तोड़ने की कोशिश करता दिखा. इतना ही नहीं, वह खाना भी ठीक से नहीं खा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जंगल की आज़ादी छिनने के बाद वह बेचैन हो गया है और लगातार गुर्राता रहता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि तेंदुआ करीब 10 साल का है और उसका वजन 75 से 80 किलो के बीच है. उसके दांत घिस चुके हैं और इसी वजह से वह अपने सामान्य शिकार जैसे हिरन या जंगली जानवरों को पकड़ नहीं पा रहा था. शिकार न मिलने पर उसने इंसानों को आसान निशाना बनाना शुरू कर दिया. यही वजह रही कि वह बार-बार गांवों की तरफ आकर हमला करता रहा और आदमखोर कहलाने लगा.
कानपुर चिड़ियाघर में काटेगा उम्रकैद
कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. कन्हैया पटेल ने बताया कि तेंदुए को बिजनौर से रेस्क्यू करने के बाद सुरक्षित लाया गया है. अब उसे चिड़ियाघर में रखा जाएगा ताकि इंसानों की जान का खतरा न रहे. उन्होंने कहा कि फिलहाल वह खाना कम खा रहा है और गुस्से में है, लेकिन धीरे-धीरे उसकी स्थिति सामान्य हो जाएगा. वहीं अब वह यहीं पर रहेगा क्योंकि जब भी कोई तेंदुआ आदमखोर बन जाता है तो उसे जंगल में छोड़ना खतरनाक होता है. इसलिए अब इस तेंदुए को भी कानपुर चिड़ियाघर में ही रखा जाएगा क्योंकि इसे खुले में नहीं छोड़ा जा सकता है. इसलिए यह कह सकते हैं कि अब यह यहीं पर अपनी उम्र कैद की सजा को काटेगा.