Uttar Pradesh

कानपुर की 57 जगहों पर मिलता था ‘काल’, हर वक्‍त सिर पर मंडराता था मौत का खतरा, अब पुलिस ने उठाया यह बड़ा कदम

कानपुर मंडल में सड़क हादसों को रोकने के लिए कानपुर पुलिस ने किया खास इंतजाम

कानपुर मंडल की इन 57 लोकेशन्‍स से गुजरना ‘काल’ से मुकाबला करने से कम नहीं था. हर वक्‍त वहां से गुजरने वाले लोगों के सिर पर मौत का खतरा मंडराता रहता था. अब यहां से गुजारने वाले लोगों की जिंदगी बचाने के लिए कानपुर पुलिस ने खास इंतजाम किया है. दरअसल, कानपुर मंडल में लगातार बढ़ते सड़क हादसों ने आखिरकार प्रशासन की नींद तोड़ दी है.

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट आने के बाद मंडल कमिश्नर के.विजयेंद्र पांडियन ने सभी छह जिलों के डीएम, एसपी, आरटीओ और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. बैठक में जिस तरह के आंकड़े सामने आए, वह सभी चौंकाने वाले थे. पूरे मंडल में 57 ब्लैक स्पॉट चिंहित किए गए हैं. इनमें सिर्फ कानपुर नगर के 18 थाना क्षेत्रों में ही 264 हाई-रिस्क क्रैश लोकेशन चिंहित की गईं हैं.

हाईवे बने काल और सबसे खतरनाक साबित हुए ये चार मार्गरिपोर्ट से साफ हुआ कि सबसे ज्यादा हादसे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर हो रहे हैं. एनएच-19 (पुराना जीटी रोड), एनएच-34, स्टेट हाईवे-46 और स्टेट हाईवे-68 पर दुर्घटनाओं का ग्राफ सबसे ऊपर चढ़ता जा रहा है. समीक्षा में माना गया कि इन हादसों की मुख्‍य वजहों में बेकाबू रफ्तार, खराब ज्योमेट्री वाला सड़क डिजाइन और सड़क पर बने सैकड़ों अवैध कट शामिल थे. कमिश्नर ने इन्हीं मार्गों को प्राथमिकता देते हुए तत्काल सुधार के सख्त निर्देश दिए हैं.

कानपुर में बनेंगे ‘क्रिटिकल कॉरिडोर’ का नया प्रयोगहादसों को रोकने के लिए कानपुर शहर में सबसे पहले 10-12 सबसे खतरनाक कॉरिडोर चिन्हित किए गए हैं. इन कॉरिडोर पर 24×7 एक सब-इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल तैनात रहेंगे. इनकी जिम्मेदारी ट्रैफिक को सुचारू रखना, ओवरस्पीडिंग रोकना और नियम तोड़ने वालों पर सख्ती करना होगा. इन स्थानों पर चमकदार थर्मोप्लास्टिक पेंट से अलग तरह की लेन मार्किंग की जाएगी, ताकि दूर से ही ड्राइवर को सतर्क होने का संकेत मिल सके.

57 अवैध कट होंगे हमेशा के लिए होंगे बंदमंडल के सभी 57 ब्लैक स्पॉट पर बने अवैध कट को पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया गया है. साथ ही कानपुर शहर की 264 क्रैश लोकेशन पर बड़े पैमाने पर इंजीनियरिंग सुधार करने की बात कही गई है. इन क्रैश लोकेशन्‍स पर स्पीड ब्रेकर, रंबल स्ट्रिप्स, कैट आईज, चेतावनी वाले साइनबोर्ड, स्पष्ट थर्मोप्लास्टिक मार्किंग और सख्त स्पीड लिमिट लागू की जाएगी. जहां मोड़ खतरनाक हैं, वहां तुरंत री-डिज़ाइन और मरम्मत कर सड़कें चौड़ी की जाएंगी.

अब तक की सबसे बड़ी चालान कार्रवाईट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी मुहिम चलाई है, जिसमें करीब तीन लाख वाहन चालाकें पर कार्रवाई की गई है. इसके अलावा, मोबाइल पर बात करने वाले वाहन चालकों पर खास कार्रवाई की जा रही है. बिना लाइसेंस ड्राइविंग और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर भी लगातार कार्रवाई हो रही है.

बिना हेलमेट: 1.71 लाख से अधिक चालान तीन सवारी: 26 हजार से ज्यादा मामले गलत दिशा में गाड़ी चलाना: करीब 59 हजार चालान खतरनाक रफ्तार: 35 हजार से अधिक केस

ताकि हर यात्री सुरक्षित घर वापस लौटे सके…कमिश्नर के.विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि सड़क सुरक्षा अब हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. हमारा लक्ष्य सिर्फ चालान काटना नहीं, बल्कि हादसों को जड़ से खत्म करना है. प्रशासन को पूरा भरोसा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में ही इन ठोस कदमों से कानपुर मंडल के सड़क हादसों में भारी गिरावट आएगी और यात्रियों का सफर वाकई सुरक्षित हो जाएगा.

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