Uttar Pradesh

Kannauj: बाबा विश्वनाथ का यह मंदिर काशी ज्योतिर्लिंग का दूसरा रूप, गंगा में बहकर आया था शिवलिंग



कन्नौज. उत्तर प्रदेश के कन्नौज जनपद के चौधरियापुर का विश्वनाथ मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है. गंगा नदी के तट पर बना बाबा विश्वनाथ का मंदिर अपनी प्राचीनता और भव्यता की दास्तां बयां कर रहा है. शहर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित गंगा किनारे चौधरियापुर गांव है, जहां भगवान विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर बना हुआ है. मंदिर इतनी ऊंचाई पर है कि यहां कई सीढ़ियां चढ़ कर जाना पड़ता है. बाबा विश्वनाथ मंदिर के इतिहास के बारे में कई प्राचीन मान्यताएं हैं.माना जाता है कि सम्राट हर्षवर्धन के काल से काफी पहले यहां शिवलिंग की स्थापना कराई गई थी. बाबा विश्वनाथ बाराही देवी सेवा समिति के महासचिव शिवकुमार ¨सह चंदेल के मुताबिक इस मंदिर की स्थापना आठवीं सदी के लगभग हुई थी. जनश्रुति है कि यह शिवलिंग मां गंगा में बहता हुआ हिमालय पर्वत से मां गंगा में आया था.बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी के बाबा विश्वनाथ के पुजारियों को स्वप्न देकर कन्नौज बुलाया और बाबा के शिवलिंग के पहले यह स्थापित कराया गया. इसके बाद पुजारियों ने सोचा कि बाबा के दोनों विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को क्यों ना एक ही जगह स्थापित कर दिया जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पुजारियों ने इस शिवलिंग को काशी ले जाने का भरसक प्रयत्न किया, लेकिन यह शिवलिंग अपने स्थान से टस से मस नहीं हुआ. इस पर पुजारियों ने यहीं मंदिर बनवा दिया. इस वजह से इस मंदिर को काशी विश्वनाथ का दूसरा रूप कहा जाता है.माना जाता है कि यहां दर्शन करने से वही फल मिलता है, जो काशी विश्वनाथ के दर्शन से प्राप्त होता है. तब से लेकर आज तक यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर बाबा के दर्शन करते हैं. यह भी मान्यता है कि यहां जो भी मुराद मांगी जाती है, वो अवश्य पूरी होती है.सावन माह में लगता है श्रद्धलुओं का तांताइन दिनों बाबा विश्वनाथ का यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. सावन के दिन और प्रत्येक सोमवार को यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं. पास में ही गंगा जी हैं तो श्रद्धालु वहां से गंगाजल भरकर लाते हैं और बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं.(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. न्यूज़ 18 लोकल किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है)ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 27, 2023, 19:18 IST



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