पीलिया शिशु में होने वाली एक कॉमन बीमारी है. इसमें पूरा शरीर पीला पड़ जाता है. हालांकि वयस्कों में पीलिया के मामले रेयर हैं, लेकिन इलाज में देरी के कारण यह बीमारी हर उम्र के व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. हाल ही में ‘करिया 2’, ‘केम्पा’, ‘गणपा’, ‘बार्कले’ और ‘सत्या’ में अपने जबरदस्त एक्टिंग के लिए फेमस कन्नड मूवी स्टार संतोष बलराज का 34 की उम्र पीलिया के कारण निधन हो गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्टर पिछले कुछ हफ्तो से अस्पताल में पीलिया का इलाज करवा रहे थे. लेकिन पूरे शरीर में पीलिया के फैलने के कारण बॉडी रिकवर नहीं कर पा रही थी. बाद में उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया और तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी मौत हो गई. ऐसे में पीलिया की बीमारी को समझना और इसे पहले स्टेज पर पहचानने में देरी बचना जरूरी है.
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क्या है पीलिया
रेड ब्लड सेल्स के खत्म होने पर खून में बिलीरुबिन नामक एक पीले-नारंगी रंग का लिक्विड बढ़ने लगता है. लिवर ब्लडस्ट्रीम से बिलीरुबिन को छानकर आपके मल के माध्यम से बाहर निकाल देता है. यदि आपके शरीर में इसकी मात्रा बहुत अधिक हो जाती है या आपके लिवर पर ज्यादा भार पड़ता है, तो यह हाइपरबिलिरुबिनमिया नामक एक जमाव का कारण बनता है. इससे पीलिया होता है.
वयस्कों में पीलिया का कारण
वयस्कों में पीलिया के मामले आमतौर पर कम ही देखने के लिए मिलते हैं. लेकिन जो मामले आते हैं, वो शरीर की आंतरिक गड़बड़ियों से संबंधित होते हैं. इसमें मुख्य रूप से लिवर प्रॉब्लम, बाइल डक्ट ऑब्सट्रक्शन और रेड ब्लड सेल्स से जुड़ी समस्या शामिल है.
पीलिया पहले शरीर में कहां नजर आता है
एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीलिया आंखों और त्वचा में सबसे पहले नजर नहीं आता है, जैसे कि आमतौर पर लोग समझते हैं. पीलिया की शुरुआत जीभ से होती है. ऐसे में यदि जीभ की निचली स्तर पीली नजर आ रही है, तो इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें, ये पीलिया का शुरुआती लक्षण होता है, जिसे तुरंत इलाज से जल्दी ठीक किया जा सकता है.
पीलिया के लक्षण
आंखों का पीला पड़नात्वचा का पीला नजर आनापेशाब का गहरा रंगमिट्टी के रंग का मलभूख की कमीपेट में दर्दथकानखुजली वेट लॉस
पीलिया से रिकवरी में कितना समय लगता है
पीलिया का कोई ठोस इलाज नहीं है. हेल्थ एक्सपर्ट इसके कारणों के आधार पर इलाज करते हैं. यदि यह बीमारी लिवर में प्रॉब्लम या वायरस के कारण शुरू होती है, तो इससे मौत और कोमा में जाने का भी खतरा होता है. यदि बॉडी इलाज को सही रिस्पांस दे तो व्यक्ति 6 महीने में पूरी तरह से रिकवरी कर सकता है.
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