अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. त्रेतायुग के श्रवण कुमार की कहानी आपने पढ़ी और सुनी होगी. कलयुग में भी त्रेतायुग जैसे कई श्रवण कुमार है जिनकी कहानी और किस्से बेहद दिलचस्प है. कर्नाटका के मैसूर जिले के दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार भी उनमें से एक हैं जिन्हें लोग इन दिनों श्रवण कुमार कहकर पुकार रहे हैं. अपने पिता के दिए 20 साल पुराने स्कूटर से डी कृष्णकुमार अपनी 73 साल की मां को तीर्थ यात्रा करा रहें है. डी कृष्णकुमार ने अब तक 66 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कराकर अपनी मां चूड़ा रत्ना को देश के विभिन्न राज्यों के मंदिरों में दर्शन पूजन करे चुकें है.कलयुग के श्रवण कुमार यानी कृष्णकुमार की ये अनोखी यात्रा 16 जनवरी 2018 से शुरू हुई है. मैसूर जिले से उन्होंने अपनी मां और पिता के रूप में उनका दिया पहला तोफा बजाज स्कूटर को लेकर भारत यात्रा कर रहें हैं. अपने इस यात्रा के दौरान डी कृष्ण कुमार इन दिनों धार्मिक नगरी काशी में हैं और वो यहां संकट मोचन मन्दिर से लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार तक अपने मां को दर्शन करा रहे हैं.काशी के मंदिरों में कर रहे पूजाडी कृष्णकुमार ने बताया कि काशी में वो रहकर जब यहां के मंदिरों में अपनी मां को दर्शन पूजन कराने के बाद वो यूपी के अयोध्या,मथुरा जैसे तीर्थ क्षेत्र भी जाएंगे और उसके बाद भी जब तक उनकी मां का मन नहीं भर जाता उनकी ये यात्रा यूं ही जारी रहेगी. वाराणसी आने के बाद कृष्ण कुमार और उनकी मां अस्सी स्थित एक मठ ठहरी हुई है.जॉब से दे दिया है इस्तीफाकृष्ण कुमार अपने माता पिता के इकलौते बेटे हैं. अपने इस अनोखे यात्रा की शुरुआत से पहले वो बैंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चूके है. करीब 13 साल काम के बाद उन्होंने जनवरी में भी अपने जॉब से इस्तीफा दिया और फिर मां की सेवा में जुट गए.मां के सेवा भाव के लिए ही उन्होंने शादी भी नहीं की.यात्रा के दौरान नहीं लेते मददकृष्ण कुमार बताते है कि जॉब के दौरान मिले सैलरी को वो अपनी माता को समर्पित करते थे वो उन्ही सेविंग से मिलने वाले इंटरेस्ट से वो इस यात्रा को कर रहे हैं. अपनी इस यात्रा के लिए वो किसी से कोई मदद भी नहीं लेते हैं.हर किसी को मिले श्रवण कुमार जैसा बेटाकृष्ण कुमार अब तक कश्मीर से कन्याकुमारी और नेपाल से म्यामार तक विभिन्न प्रदेशों में यात्रा की है.उनकी मां चूड़ा रत्ना भी उनके इस सेवा भाव और समर्पण से बेहद खुश है. उनका कहना है कि उनके श्रवण कुमार जैसा बेटा हर मां को मिले जिससे कोई भी मां बाप घर के कोने या वृद्धा आश्रम में न रह सकें.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 10, 2023, 08:35 IST
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