Uttar Pradesh

कैथा के पेड़ का अद्भुत वरदान…. पत्ते, फल और जड़ में छिपे औषधीय गुण, जानें इसके चमत्कारिक फायदे – उत्तर प्रदेश समाचार

आज के समय में भी लोग कई गंभीर बीमारियों में आयुर्वेदिक औषधियों पर भरोसा करते हैं. आयुर्वेद में हर मर्ज का इलाज मौजूद है, और ऐसे ही एक प्राकृतिक औषधि है कैथा. इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को रोगों से बचाने और स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. भारत में कई ऐसे पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जिनके विभिन्न औषधीय और उपयोगी गुण हैं. इनमें से एक खास पेड़ है कैथा, जिसे वुड एप्पल के नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद में इसके फल, पत्ते, छाल और जड़ सभी को स्वास्थ्यवर्धक और बीमारियों के उपचार में सहायक माना गया है. पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में यह लंबे समय से इस्तेमाल होता रहा है और कई गंभीर रोगों में लाभकारी साबित होता है.

कैथा एक औषधीय पेड़ है, जिसे अंग्रेज़ी में वुड एप्पल (Limonia acidissima) कहा जाता है. इसके पत्ते, फल, छाल और जड़ स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं. कैथा फल हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसके रेशे और फाइबर नसों में जमा कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करके शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं. साथ ही, इसमें मौजूद विटामिन सी ब्लड वेसेल्स को चौड़ा करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है.

कैथा फल दस्त की समस्या में भी लाभकारी है. इसके कच्चे फल का गूदा सुखाकर पीस लें और 2-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें. नियमित सेवन से दस्त रुकते हैं और पेट की कमजोरी, आंतों में सूजन व अन्य पेट संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है. कैथा का फल कच्चा या पका दोनों रूप में खाया जा सकता है. कच्चा फल विटामिन सी से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है. मजबूत इम्यूनिटी से शरीर संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से सुरक्षित रहता है. बवासीर की समस्या में कैथा का फल बहुत फायदेमंद है. इसके गूदे का जूस सुबह और शाम पीने से आराम मिलता है. इसमें मौजूद फाइबर पेट को साफ करने में मदद करता है और कब्ज व बवासीर जैसी समस्याओं को कम करता है.

दमा की समस्या में कैथा का सेवन लाभकारी माना जाता है. इसके कच्चे फल का रस निकालकर 5-10 मिली मात्रा में लेने से दमा रोग में राहत मिलती है. यह श्वसन तंत्र को मजबूत करता है और सांस लेने में आसानी प्रदान करता है. कैथा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है, ताकि इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सके.

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