रामपुर की अतिका परवीन ने अपने खानदानी हुनर को आधुनिक फैशन के साथ जोड़कर एक अनोखा ब्रांड बनाया है. सुई-धागे और रंगों के सहारे उन्होंने कैनवास पेंटिंग और डिजाइनर कपड़ों का ऐसा संगम तैयार किया है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. अब उनका हुनर न सिर्फ स्थानीय स्तर पर, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी धूम मचा रहा है. जिससे वे न सिर्फ आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन गई हैं।
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की रहने वाली अतिका परवीन बचपन से ही सुई-धागे और रंगों के बीच पली-बढ़ी हैं. उनके घर में पीढ़ियों से कपड़ों पर बारीक कढ़ाई और डिजाइनिंग का काम करने की परंपरा रही है. अब अतिका ने उसी विरासत को अपने नए अंदाज में आगे बढ़ाया है. फर्क बस इतना है कि उन्होंने अपने हुनर को आधुनिक रूप दे दिया है. अब यही कला उनके कैनवास पेंटिंग और डिजाइनर कपड़ों में झलकती है।
कला बनी पहचान अतिका बताती हैं कि उनका अपना एक छोटा-सा रेडीमेड कपड़ों का शोरूम है. यहां वे खुद डिजाइन तैयार करती हैं, कपड़ों की सिलाई करती हैं और उन पर पैचवर्क व कैनवास पेंटिंग का काम करती हैं. उनके बनाए कुर्ते, चादरें और पेंटिंग्स ग्राहकों को खूब पसंद आते हैं. जो भी एक बार उनकी दुकान पर आता है, कुछ न कुछ खरीदे बिना नहीं जाता।
कैनवास पेंटिंग से कपड़ों को मिला नया रूप
कैनवास पेंटिंग एक ऐसी कला है जिसमें मोटे कपड़े या कैनवास पर ब्रश और रंगों की मदद से खूबसूरत डिज़ाइन बनाए जाते हैं. इसकी खासियत यह है कि रंग कपड़े में गहराई तक उतरते हैं और लंबे समय तक फीके नहीं पड़ते. इस कला में प्रकृति, धार्मिक कलाकृतियां, फूल-पत्तियां, अमूर्त डिज़ाइन और आधुनिक थीम तक सब शामिल होते हैं. अतिका चादर, कुर्ते और पर्दों पर अपने ब्रश से शानदार कलाकारी करती हैं, जिससे हर डिज़ाइन यूनिक और आकर्षक बन जाता है।
ऑनलाइन भी मचा रही धूम
अतिका का हुनर अब सिर्फ दुकान तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट और अमेज़न पर भी बेचना शुरू कर दिया है. उनके आइटम्स की डिमांड देश के अलग-अलग कोनों से आने लगी है. कोई हैंडमेड पेंटिंग वाली चादर पसंद करता है तो किसी को जरीवर्क वाला कुर्ता भाता है।
सपनों को पंख देना चाहती हैं अतिका
अतिका का सपना है कि वह अपने काम को और बड़ा करें और कई महिलाओं को ट्रेनिंग दें ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें. उनका मानना है, ‘अगर घर की बेटियां अपने खानदानी हुनर को अपनाएं, तो उन्हें बाहर नौकरी ढूंढने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी.’