Uttar Pradesh

कृष्ण की भक्ति में लीन हुए यह विदेशी, कजाकिस्तान से हजारों KM की यात्रा कर पहुंचे आगरा


हरिकांत शर्मा/आगरा. भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन होकर हरे कृष्णा हरे राम की धुन में नाचते गाते यह लोग भारतीय नहीं है, बल्कि कई हजार किलोमीटर दूर कजाकिस्तान के रहने वाले हैं. कृष्ण की भक्ति में लीन होकर सब कुछ न्योछावर कर कजाकिस्तान से 20 सदस्य का दल भारत पहुंचा है. ये दल आगरा के इस्कॉन टेंपल में ठहरा हुआ है.

मंदिर में पहुंचकर इन लोगों ने भगवान की आराधना की दीपदान किया और उसके बाद अब यह मथुरा वृंदावन भ्रमण के लिए निकलेंगे. इस दल में अधिकतर लोगों ने अपने मूल धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म को अपनाया है. उनका कहना है कि भगवान श्री कृष्ण से हम इतने प्रभावित हैं कि हमने सिर्फ उन्हीं की भक्ति को अपना धर्म बना लिया है. ऐसे में अब हम भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा वृंदावन के साथ आगरा में भी आए हैं.

कृष्ण की भक्ति से मिले कई सवालों के जवाब

20 सदस्यीय दल के प्रमुख तधिध ने बताया कि पूरी दुनिया का एक ही धर्म है. और वह हिंदू धर्म है. ऐसे में हमने इस धर्म को अपनाया है और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होने का प्रण लिया है. हम किसी सीमा क्षेत्र को नहीं मानते क्योंकि अगर किसी एक धर्म की बात करते हैं तो धर्म को जगह-जगह के हिसाब से बांट दिया जाता है. उन्होंने बताया कि हम मूर्ति पूजा इसलिए करते हैं क्योंकि इससे हमारे मन में विश्वास बढ़ता है. पहले हम मांसाहारी थे लेकिन जब से कृष्ण भक्त हुए हैं. तब से उन्होंने सब कुछ त्याग दिया. भोग विलास की जिंदगी छोड़ दी अब पूरी तरीके से शाकाहारी है और दूसरों को कृष्ण की भक्ति से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कजाकिस्तान में भी अब लोग कृष्ण की भक्ति से हंसी खुशी जुड़ रहे हैं.

कृष्ण भक्ति से मिला मानसिक रूप से आराम

इस दल में शामिल पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की पढ़ाने वाली 43 साल की अनास्तासिया ने बताया कि उनके और उनके पति के बीच में अक्सर झगड़े होते थे. वह ग्रह कलेश से तंग आ चुकी थी उसे शांति की खोज थी. उन्हें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल रहे थे. ऐसे में वह हमेशा भ्रमित और परेशान रहती थी. एक बार उनकी एक मित्र जो की काउंसलिंग और थेरेपी करती थी. उसने उन्हें रास्ता दिखाया और कहा कि तुम्हें भगवान की भक्ति करनी चाहिए. इसके बाद मैं श्री कृष्ण की भक्ति करना शुरू किया और अब मेरे परिवार में सब कुछ सही है. मैं मानसिक रूप से काफी शांत हो चुकी हूं और रोजाना करीब 16 बार भगवान श्री कृष्ण के हरे कृष्णा नाम का जप करती हूं.

9 साल की बेटी भी हुई कृष्ण भक्ति में ली

कजाकिस्तान की रहने वाली कात्या में 3 साल पहले इस ग्रुप को ज्वाइन किया था. वह अपनी 9 साल की बेटी माहिया के साथ आगरा आई हैं. उनका कहना है कि श्री कृष्ण की भक्ति से उनके जीवन की सभी उथल-पुथल समाप्त हो चुकी है. वह करीब 3 साल से प्रभु की भक्ति कर रही हैं और प्रचार प्रसार कर रही हूं.
.Tags: Hindi news, Local18, Lord krishna, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 5, 2023, 15:43 IST



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