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Just one brain scan will reveal 9 types of dementia American scientists created Statviewer tool | सिर्फ एक ब्रेन स्कैन से पता चलेगा 9 तरह के डिमेंशिया का, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बनाया ‘स्टेटव्यूअर’ टूल



डिमेंशिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों की जल्दी और सटीक पहचान अब पहले से आसान हो जाएगी. अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल विकसित किया है, जो मात्र एक ब्रेन स्कैन में ही 9 अलग-अलग प्रकार के डिमेंशिया का पता लगा सकता है. इस टूल का नाम है ‘स्टेटव्यूअर’.
यह टूल अल्जाइमर, लेवी बॉडी डिमेंशिया और फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया जैसे बीमारियों की जल्दी पहचान करता है और लगभग 88% मामलों में सटीक निदान देने में सक्षम है. यह नई तकनीक न्यूरोलॉजिस्ट और सामान्य डॉक्टरों को तेज और सटीक फैसला लेने में मदद करेगी, जिससे मरीजों का इलाज पहले की तुलना में जल्दी शुरू हो सकेगा.
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कैसे काम करता है स्टेट व्यूअर?
मेयो क्लिनिक के न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों ने इस टूल को विकसित किया है. इसे 3,600 ब्रेन स्कैन पर परखा गया, जिसमें डिमेंशिया से पीड़ित और सामान्य मरीज दोनों शामिल थे. स्टेट व्यूअर ब्रेन स्कैन में यह देखता है कि ब्रेन के कौन से हिस्से ग्लूकोज का कितना उपयोग कर रहे हैं. फिर वह इस जानकारी की तुलना डिमेंशिया के मामलों के एक बड़े डेटाबेस से करता है. इसके आधार पर यह बताता है कि व्यक्ति को किस प्रकार का डिमेंशिया हो सकता है.
कलर कोडेड ब्रेन मैप से पहचान
यह AI टूल दिमाग की गतिविधियों को रंगों में दिखाने वाले नक्शों (ब्रेन मैप्स) के जरिए कार्य करता है. इससे डॉक्टर यह आसानी से समझ पाते हैं कि कौन-से हिस्से सामान्य नहीं हैं. यह सुविधा उन डॉक्टरों के लिए भी मददगार है जो न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ नहीं हैं.
क्यों है यह खोज खास?
डिमेंशिया की पहचान आमतौर पर बहुत जटिल होती है, जिसमें कॉग्निटिव टेस्ट, खून की जांच, इमेजिंग और इंटरव्यू जैसे कई स्टेप्स लगते हैं. साथ ही, अल्जाइमर, लेवी बॉडी डिमेंशिया और फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया के लक्षण आपस में मिलते-जुलते हैं, जिससे अलग-अलग प्रकार की पहचान करना मुश्किल हो जाता है. डॉ. डेविड जोन्स, जो मेयो क्लिनिक में न्यूरोलॉजिस्ट हैं, कहते हैं कि हर मरीज का दिमाग एक अलग कहानी कहता है. स्टेट व्यूअर इस जटिलता को सरल बनाने का काम करता है और डॉक्टरों को इलाज की दिशा तय करने में मदद करता है.
डिमेंशिया एक वैश्विक समस्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 55 मिलियन से अधिक लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं और हर साल इसके 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं. अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम रूप है और यह अब दुनिया में होने वाले मौतों का पांचवां सबसे बड़ा कारण है. 
-एजेंसी-



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