Last Updated:November 16, 2025, 10:15 ISTJaunpur News: जौनपुर में अधिवक्ता सत्यवीर सिंह ने जमीन खरीदने से पहले 20 साला मुआयना, नक्शा सत्यापन, भूमि की प्रकृति (संक्रमणी/असंक्रमणी) की जांच और खरीद के बाद तत्काल दाखिल-खारिज कराने की सलाह दी है. इन प्रक्रियाओं की अनदेखी भविष्य में स्वामित्व विवाद और कानूनी जोखिम बढ़ा सकती है.जौनपुर: जिले में संपत्ति खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करना बेहद जरूरी है, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही भविष्य में बड़े विवाद का कारण बन सकती है. इसीलिए अधिवक्ता सत्यवीर सिंह ने जमीन खरीदने से पहले कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने की अपील की है, ताकि खरीदार सुरक्षित और निर्धारित नियमों के तहत जमीन खरीद सकें. अधिवक्ता सत्यवीर सिंह के अनुसार सबसे पहली और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है 20 साला मुआयना. यह वह दस्तावेज़ होता है जिसमें पिछले 20 वर्षों के दौरान जमीन से संबंधित सभी लेन-देन, विवाद, बंधक, स्वामित्व परिवर्तन और अन्य कानूनी स्थितियों का उल्लेख होता है. इसके माध्यम से खरीदार यह जान सकता है कि जमीन पर कोई कोर्ट केस तो नहीं चल रहा, कोई ऋण या कुर्की का आदेश तो नहीं है, या किसी प्रकार का स्वामित्व विवाद तो नहीं है. यह रिपोर्ट खरीदार को पूरी तरह आश्वस्त करती है कि जमीन कानूनी रूप से साफ है या नहीं.
दूसरा महत्वपूर्ण कदम है नक्शे की जाँच. जमीन खरीदते समय यह देखना आवश्यक है कि भू-लेख विभाग में दर्ज नक्शे में उस भूमि की स्थिति और श्रेणी क्या है. कई बार बंजर, चारागाह, तालाब या सरकारी भूमि को निजी संपत्ति बताकर बेचने की कोशिश की जाती है. इसलिए नक्शा सत्यापन यह सुनिश्चित करता है कि भूमि किस श्रेणी में दर्ज है और वहां निर्माण कार्य किया जा सकता है या नहीं.
सत्यवीर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी भूमि की खरीद से पहले यह पता करना आवश्यक है कि वह संक्रमणी (ट्रांसफरेबल) है या असंक्रमणी (नॉन-ट्रांसफरेबल). असंक्रमणी भूमि को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता. कई मामलों में खरीदार बिना जानकारी के ऐसी जमीन खरीद लेते हैं, जिसके बाद उन्हें बड़ी कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसलिए भूमि की प्रकृति जानना बेहद जरूरी है.
इसके साथ ही अधिवक्ता ने बताया कि जमीन खरीदने के बाद सबसे जरूरी प्रक्रिया है दाखिल-खारिज (म्यूटेशन). इसे तत्काल कराना चाहिए ताकि सरकारी रिकॉर्ड में नई मालिकाना हक दर्ज हो सके. कई लोग रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज नहीं कराते, जिससे भविष्य में स्वामित्व विवाद उत्पन्न हो जाते हैं. दाखिल-खारिज होने के बाद ही भू-राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में आपका नाम अपडेट होता है और आपकी कानूनी स्वामित्व पुष्टि होती है.
अधिवक्ता सत्यवीर सिंह ने कहा कि इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा किए बिना जमीन खरीदना जोखिम भरा हो सकता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि रजिस्ट्री से पहले अनिवार्य रूप से 20 साला मुआयना, नक्शा जाँच, भूमि की प्रकृति की पुष्टि और खरीद के बाद दाखिल-खारिज जरूर कराएं. इससे न केवल भविष्य के विवादों से बचा जा सकता है, बल्कि खरीदार निश्चिंत होकर अपनी संपत्ति का उपयोग कर सकता है. जौनपुर में बढ़ते भूमि लेन-देन के बीच यह सलाह लोगों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी.Lalit Bhattपिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल…और पढ़ेंपिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल… और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Jaunpur,Jaunpur,Uttar PradeshFirst Published :November 16, 2025, 10:15 ISThomeuttar-pradeshजमीन खरीदने से पहले जरूर कर लें ये काम, वरना बाद में हो सकते हैं परेशान

