(रिपोर्ट – शाश्वत सिंह)
झांसी नरेश श्रीमंत गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मीबाई की 180 वी वैवाहिक वर्षगांठ को झांसीवासियों ने बड़ी धूमधाम से मनाया.इस अवसर पर शहर भर में विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.सभी कार्यक्रमों का समापन एक भव्य शोभायात्रा के साथ किया गया.शोभायात्रा की शुरुआत लक्ष्मी व्यायाम मंदिर से हुई.यह यात्रा नरिया बाजार, सर्राफा बाजार, मानिक चौक तथा शहर के अन्य प्रमुख स्थानों से होकर गुजरी.शोभा यात्रा का समापन झांसी के ऐतिहासिक गणेश मंदिर पर किया गया.विभिन्न किरदारों में तैयार हुए बच्चों ने जीता लोगों का दिल
शोभायात्रा में शहर के विभिन्न संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया.इसके अलावा स्कूली बच्चों ने भी इसमें प्रतिभाग किया.शोभायात्रा में बच्चों ने श्रीमंत गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मीबाई की वेशभूषा में हिस्सा लिया.इसके आलावा मोरोपंत, तात्या टोपे, झलकारी बाई, दतिया नरेश के किरदार भी देखने को मिले.शोभायात्रा में शामिल हुई महिलाएं पारंपरिक मराठी वेशभूषा में दिखाई दीं.ढोल नगाड़ा और नाच गाने के साथ यह शोभायात्रा अपने गंतव्य तक पहुंची.180 वर्ष पहले हुआ था विवाह
गौरतलब है कि,19 मई 1842 को झांसी के महाराज श्रीमंत गंगाधर राव का विवाह महारानी लक्ष्मीबाई के साथ हुआ था.विवाह से पहले लक्ष्मीबाई का नाम मणिकर्णिका था.लक्ष्मीबाई नाम उन्हें शादी के बाद मिला.मणिकर्णिका बिठूर के पेशवा के यहां काम करने वाले मोरोपंत की बेटी थीं.उनके ज्ञान और युद्ध कौशल को देखते हुए पेशवा ने उन्हें अपनी बेटी की तरह ही लाड़ करते थे.14 वर्ष की आयु में मणिकर्णिका महारानी लक्ष्मीबाई हो गई थीं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : May 22, 2022, 22:32 IST
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